सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अयोध्या में मिली पांच एकड़ भूमि पर प्रस्तावित धन्नीपुर मस्जिद के लिए दान देने वालों को अब इनकम टैक्स में छूट मिलेगी। इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन को इनकम टैक्स एक्ट की धारा-80 जी के तहत दान में टैक्स से छूट मिल गई है। इससे अब इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन को दान आसानी से मिल जाएगा।
सुन्नी वक्फ बोर्ड ने धन्नीपुर प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए इंडो इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन ट्रस्ट का गठन किया है। सामाजिक सहयोग से धन्नीपुर मस्जिद प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए ट्रस्ट ने बैंक में खाता खोला है।
अभी तक 80 जी का सर्टिफिकेट न मिल पाने के कारण इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन को दान नहीं मिल पा रहा था। यहां मस्जिद के अलावा म्यूजियम, अस्पताल, लाइब्रेरी और कम्यूनिटी किचन बनाया जाएगा।
इस्लामिक कल्चर फाउंडेशन ट्रस्ट के सचिव एवं प्रवक्ता अतहर हुसैन ने बताया कि दान दाताओं को 80 जी का इंतजार था। इसके मिलने से धन्नीपुर मस्जिद प्रोजेक्ट में तेजी आ जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि हम लोग दान लेने के लिए कोई अभियान नहीं चलाएंगे।
हम घर घर जाकर चंदा नहीं लेंगे। नकद चंदा भी ट्रस्ट नहीं लेगा। मस्जिद व अस्पताल के लिए चंदा केवल बैंक खाते के माध्यम से लिया जाएगा।कम्युनिटी किचन सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल भी बनेगा
ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि हम धन्नीपुर मस्जिद प्रोजेक्ट को मानवता को समर्पित कर रहे हैं। यहां बनने वाले 200 बेड के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का सबसे अधिक लाभ स्थानीय लोगों को होगा। उन्हें अपने गांव के पास ही बेहद सस्ता और अच्छा इलाज मिल जाएगा।
यहां प्रस्तावित कम्युनिटी किचन से हर दिन आस-पास की करीब दो हजार गरीब महिलाओं व बच्चों को मुफ्त खाना वितरित किया जाएगा। हम अच्छी नीयत से समाज के लिए यह प्रोजेक्ट लेकर आ रहे हैं अल्लाह ही इसे पूरा करने में हमारी मदद करेगा।
120 करोड़ रुपये से अधिक खर्च का अनुमान: धन्नीपुर प्रोजेक्ट में करीब 120 करोड़ रुपये से अधिक खर्च होने का अनुमान है। ट्रस्ट के प्रवक्ता ने बताया कि 200 बेड के सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में ही 100 करोड़ रुपये से ऊपर खर्च होने का अनुमान है। इसके अलावा मस्जिद, म्यूजियम, लाइब्रेरी, कम्युनिटी किचन, इंडो इस्लामिक कल्चरल रिसर्च सेंटर बनाने में करीब 20 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने दी थी मस्जिद बनाने के लिए जमीन : बता दें कि नौ नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद में एक बड़ा फैसला सुनाते हुए विवादित भूमि को रामलला का जन्मस्थान मानते हुए उस पूरी भूमि को रामलला ट्रस्ट को सौंप दिया था। इसके साथ ही मामले में दूसरे पक्ष को राम जन्मभूमि से करीब 25 किलोमीटर दूर रौनाही के धन्नीपुर में मस्जिद बनाने के लिए भी पांच एकड़ जमीन दी गई थी, जिस पर अब मस्जिद का निर्माण शुरू होगा।