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आजकल हर जगह पर महिला सशक्तिकरण कि बात की जाती है और बालिका शिक्षा पर ज़ोर दिया जा रहा है, लेकिन उन बालिकाओं का क्या जो किन्हीं विशेष परिस्थतियों के चलते आगे पढ़ाई नहीं कर पातीं हैं और उनका विवाह करवा दिया जाता है। हमारे देश में ऐसी कई लड़कियाँ हैं जो पढ़ने की इच्छा रखती हैं और कुछ कर दिखाने का जज़्बा रखतीं हैं परन्तु कम उम्र में ही शादी हो जाने के कारण उन्हें अपनी इच्छाओं को मन में मार कर रखना होता है।

उन्हें लगता है जैसे शादी के बाद उनका करियर ख़त्म हो गया है, क्योंकि घर-परिवार की और बच्चों की बहुत-सी जिम्मेदारियाँ उन्हें एक बहू के रूप में उठानी होती हैं जिन्हें निभाते हुए वे अपने सपनों को लगभग भूल-सी जाती हैं लेकिन इस बात को ग़लत साबित कर दिखाया है अन्नु कुमारी ने। उन्होंने अपने सपनों को पंख लगाकर उड़ान भरी और हर परेशानी का सामना किया। इन्होंने शादी के बाद ना सिर्फ़ अपनी पढ़ाई पूरी की बल्कि यूपीएससी की परीक्षा देकर आईएएस ऑफिसर भी बनीं।

इनका जन्म हरियाणा के सोनीपत नामक स्थान पर मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। वे पढ़ने में बहुत रुचि रखती थीं और आईएएस अधिकारी बनना चाहती थीं लेकिन केवल 10 वीं कक्षा पूरी करने के बाद ही उनका विवाह एक बिजनेसमैन के साथ करवा दिया गया था।

उनके पति और ससुरालवालों को जब पता चला कि वे पढ़ना चाहती हैं तो उन्होंने फिर से पढ़ाई शुरू करने के लिए उनका सहयोग किया और उन्हें प्रोत्साहित किया।

इसके बाद उन्होंने फिर से पढ़ाई शुरू की और 12 वीं कक्षा के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज से फिजिक्स में ग्रेजुएशन किया। फिर आईएमटी नागपुर से एमबीए की डिग्री प्राप्त की और गुड़गांव स्थित एक कंपनी में नौकरी करना भी शुरू किया।

ये आईएएस ऑफिसर बनना चाहती थीं इसलिए इन्होंने नौकरी के साथ ही उसकी तैयारी भी जारी रखी। बाद में जब इन्हें महसूस हुआ कि नौकरी करने की वज़ह से ये पढ़ाई में ठीक से ध्यान नहीं दे पा रही हैं तो उन्होंने नौकरी छोड़कर केवल अपने लक्ष्य पर ध्यान दिया।

जब वे अपने बेटे से दूर रहतीं, तो लोग तरह-तरह की बातें किया करते थे। कुछ तो ऐसा भी कहते थे कि इसके सीने में दिल ही नहीं है इसलिए इतने छोटे बच्चे को दूर भेज दिया है। लोगों की बातों को अनसुना करते हुए इन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और यूपीएससी की परीक्षा दी। इनका त्याग और परिश्रम व्यर्थ नहीं गया, सन् 2017 में इन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में देश में दूसरी रैंक प्राप्त की और आईएएस बन गईं। उस समय इनके बेटे की आयु केवल 4 वर्ष थी। मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने भी इनकी बहुत तारीफ की।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...