बंगाल की खाड़ी में आया चक्रवाती तूफान ‘यास’ ने सुबह से अपना भरपूर असर दिखाया। हवा की रफ्तार समान्य से अधिक रही तो कभी धीरे तो कभी तेज बारिश होती रही। मौसम विभाग ने 24 घंटे में 18.8 मिमी बारिश रिकॉर्ड किया। वहीं, मई माह में 118.2 मिमी बारिश हुई। विभाग की मानें तो करीब मई में इतनी बारिश होने का 55 साल का रिकॉर्ड टूट गया है।
यूं तो तूफान ने बुधवार को ही दस्तक दे दी थी, लेकिन असर बनारस के आसपास के जिलों में ज्यादा रहा। बनारस में केवल तेज हवा के साथ आसमान में बादल ही नजर आये। लेकिन गुरुवार की सुबह बूंदाबादी शुरू हो गयी थी। दोपहर होते-होते यह तेज हो गई। इसके बाद तो पूरे दिन ही कई इलाकों में रिमझिम तो कहीं मूसलाधार बरसात भी हुई।
शाम को बूंदाबादी शुरू हुई तो यह क्रम देर रात तक चलता रहा। इससे तापमान सामान्य से 13 डिग्री सेल्सियस गिरकर 27.4 तक आ गया था। हालांकि न्यूनतम तापमान में केवल दो डिग्री की गिरावट दर्ज की गयी। यानी 24.8 डिग्री पर था।
हवा के साथ बारिश से जहां उमस व गर्मी से लोगों ने राहत महसूस किया। वहीं, किसानों ने खेतों में धान की नर्सरी की तैयारी भी शुरू कर दी। हालांकि सब्जी किसानों के लिए इस बारिश ने उदासी ला दी है। करीब हफ्तेभर पहले हुई बारिश ने भी सब्जियों को काफी नुकसान पहुंचाया था।
डिप्रेशन के रूप में पूर्वांचल पहुंचा यास
बीएचयू के पूर्व प्रोफेसर व मौसम वैज्ञानिक प्रो. एसएन पांडेय ने बताया कि चक्रवाती तूफान यास ने पूर्वांचल आते-आते दम तोड़ दिया है। उसे यहां डिप्रेशन के रूप में देखा गया है। उन्होंने बताया कि हालांकि इसका असर लखनऊ तक दिखा है। इससे 28 मई तक बारिश और 29 की सुबह तक बादल छाए रहने की संभावना है।