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भारत के युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ पर साल 2019 में बीसीसीआई ने डोपिंग टेस्ट में फेल होने की वजह से 8 महीने का बैन लगा दिया था। पृथ्वी शॉ पर बैकडेट से बैन लगा था, इस वजह से उन्होंने 4 महीने में वापसी कर ली थी।

इसके बाद 21 साल के युवा बल्लेबाज ने घरेलू क्रिकेट में शानदार वापसी की। उन्हें न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज और वनडे सीरीज के लिए टीम में शामिल किया गया। बैन हटने के बाद पृथ्वी शॉ इंटरनेशनल क्रिकेट खेल चुके हैं।

क्रिक बज से बातचीत करते हुए शॉ ने बैन के बारे में कहा कि फरवरी 2019 में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खेलते समय उन्हें सर्दी और बुखार हो गया था। तब उनके पिता ने उनसे खांसी की दवाई(कफ सिरप) लेने को कहा। उन्हें नहीं पता था कि ये मेडिसन प्रतिबंधित पदार्थों की सूची में है। इस वजह से उन्हें डोपिगं के उल्लंघन का दोषी पाया गया।

उन्होंने आगे कहा कि कफ सिरप विवाद के लिए मैं और पिताजी जिम्मेदार हैं। मुझे याद है कि इंदौर में हम सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खेल रहे थे और उस समय मुझे सर्दी-खांसी थी। इसलिए मैं रात के खाने के लिए बाहर चला गया। तभी मैंने पापा को फोन लगाया कि मुझे खांसी, जुकाम है। उन्होंने मुझसे बाजार से कफ सिरप लेने को कहा। मैंने उस समय ये अपने फीजियो को नहीं बताने की गलती की जो कि बिल्कुल गलत था.

उन्होंने आगे कहा कि कफ सिरप विवाद के लिए मैं और पिताजी जिम्मेदार हैं। मुझे याद है कि इंदौर में हम सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खेल रहे थे और उस समय मुझे सर्दी-खांसी थी। इसलिए मैं रात के खाने के लिए बाहर चला गया।

तभी मैंने पापा को फोन लगाया कि मुझे खांसी, जुकाम है। उन्होंने मुझसे बाजार से कफ सिरप लेने को कहा। मैंने उस समय ये अपने फीजियो को नहीं बताने की गलती की जो कि बिल्कुल गलत था

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...