बिहार का आम से और आम के शौकीनों का बिहार से खास रिश्ता है. ताउ-ते के कारण डर था कि खास बिहारी किस्मों के आम को नुकसान न हो, लेकिन खबर पॉज़िटिव है. आप जल्द वो स्वाद चखेंगे, जिसके लिए साल भर इंतज़ार करते हैं.
पटना. गर्मी का मौसम, चक्रवाती तूफान ताउते और आम की पैदावार. इन तीनों का समय चूंकि एक ही है इसलिए साफ तौर पर तीनों के बीच कनेक्शन भी है. गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा और दमन-दीव में ज़्यादा तबाही मचाने वाला ताउते तूफान अब चूंकि तकरीबन खत्म हो चुका है.
इसलिए कृषि जानकार मान रहे हैं कि बिहार में आम की पैदावार पर खास असर नहीं पड़ेगा. आशंका थी कि मई-जून महीने के दौरान आम का उत्पादन तूफान की वजह से होने वाली भारी बारिश की भेंट न चढ़ जाए लेकिन अच्छी खबर है कि जल्द ही भागलपुर के जर्दालू सहित कई बिहारी किस्मों के आम का ज़ायका मिलेगा और विदेश तक पहुंचेगा.
आम के उत्पादन के मामले में उत्तर प्रदेश के बाद आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और बिहार का नंबर आता है. बिहार के सभी ज़िलों में आम का उत्पादन होता है, लेकिन उत्तर बिहार में आम की खेती ज्यादा है.
दरभंगा, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण, भागलपुर के बाद मधुबनी, पूर्णिया, पश्चिमी चंपारण, कटिहार, रोहतास और भोजपुर में भी आम की उपज अच्छी होती है. बिहार और आम के रिश्ते के साथ ही इस साल इस उपज से जुड़े तमाम पहलुओं पर विशेष रिपोर्ट.