बिहार में जारी कोरोना महामारी के बीच में अब लगभग तय हो गया है कि पंचायत चुनाव टल जाएगा. आपको बता दें कि 15 जून को प्रदेश में पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. ऐसे में अब कहा जा रहा है कि नीतीश सरकार पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त कर देगी. लेकिन बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसका विरोध किया है. तेजस्वी 15 जून के बाद भी पंचायतों के संचालन की जिम्मेदारी मौजूदा निर्वाचित प्रतिनिधियों को देने की वकालत की है.
गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि “सरकार से माँग है कि कोरोना महामारी के आलोक में पंचायत चुनाव स्थगित होने के कारण आगामी चुनाव तक त्रिस्तरीय पंचायती प्रतिनिधियों का वैकल्पिक तौर पर कार्यकाल विस्तारित किया जाए, जिससे की पंचायत स्तर पर कोरोना प्रबंधन के साथ-साथ विकास कार्यों का बेहतर समन्वय के साथ क्रियान्वयन हो सके.” उन्होंने आगे लिखा कि “पंचायत लोकतंत्र की बुनियादी इकाई है. अगर निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों की जगह प्रशासनिक अधिकारी पंचायतों का जिम्मा सम्भालेंगे तो यह भ्रष्टाचार व तानाशाही बढ़ाएगा.
पंचायतों का कार्यकाल 15 जून तक है. समय आने पर राज्य सरकार उचित निर्णय लेगी. जबकि सत्तारूढ़ हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा का रुख थोड़ा सरकार के पक्ष से अलग है.