आप #हँसना चाहो हंस सकते हो, #मजाक उड़ाना चाहो उड़ा सकते हो, पुरातनपंथी कह सकते हो..लेकिन मुझे अपने भारतवर्ष, इसके विज्ञान, संस्कृति पर अटूट विश्वास है।
आज हम शायद ही ऐसी कोई चीज इस्तेमाल करते हों जिन्हें हमारे पूर्वज किसी ना किसी रूप में इस्तेमाल ना कर चुके हों।
हिन्दुस्तान से इतनी पुरानी पुस्तकें पश्चिमी देशों में ले जा चुकी हैं और उनपर लगातार अध्ययन और शोध आदि चलते रहते हैं। वहीं हम अपने ज्ञान को तुच्छ मान कर बैठे हैं। जय_सनातन, ये है हिंदुत्व का सही में दर्शन!❤️