जिस बात का संदेह था वही हुआ…और इलाज के लिए भर्ती एक महिला का हॉस्पिटल का नाम बचाने के लिए और महापाप को छुपाने के लिए उनकी जान ले ली गई। आखिरकार रेप पीड़िता महिला के बेटियों को जो आशंका थी,वही हुआ। रेप पीड़िता महिला की बेटी ने इस मामले का खुलासा करते समय ही अपनी मां के जान का खतरा बताया था।
घोर आश्चर्य की बात यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा के उनके पैतृक गांव कल्याण बिगहा की उस मां को राजधानी पटना के सुप्रसिद्ध पारस हॉस्पिटल में इलाज के नाम पर रेप किया गया और मामले के सामने आने पर उस महिला को इलाज के नाम पर मार दिया गया। काश सरकार को समय रहते यह अहसास होता कि उनके राज्य में राजधानी पटना में कोई उनके आंखों के सामने ईलाज के नाम पर पहले रेप और मामला सामने पर हत्या तक किये जा रहा है…
साथ ही सरकार अपनी निर्लज्जता, संवेदनहीनता को त्याग कर पारस अस्पताल पर कार्रवाई करती तो आज एक माँ की जान बच सकती थी। एक बेटी को अपनी माँ से महरूम होने से बचाया जा सकता था।
लेकिन जिस सरकार में हज़ारों जानो की कोई मोल नही वहाँ से कुछ भी उम्मीद रखना बईमानी होगी। पारस अस्पताल एवं सरकार का आपस मे पुराना याराना है जो जग जाहिर है।बहरहाल अब देखना है.
कि जिस पारस अस्पताल ने इतने वर्षों में बहुत सारे लोगो की जिंदगी बर्बाद की है।मेडिकल सेवा के नाम पर लूट खसोट,रेप,हत्या,आदि सहित पारस अस्पताल के कई किस्से सभी जगह मशहूर है।
लेकिन वे बाते बाहर नही निकल पाती। जो निकलती है वह कुछ दिनों बाद भुला दी जाती है। लेकिन इस बार इन दरिंदो ने अपनी सारी सीमाएं लांघ दी है। कुछ भी कहने सुनने को बाकी नही बचा है।
अगर आगे यह सुनिश्चित करना है कि किसी और की जान इन दरिंदो के हाथों से न जाये तो इसके खिलाफ सरकार को जगाने के लिए अपनी आवाज को बुलंद कीजिये।
जिससे इस अस्पताल में सेवा के नाम पर ऐसी घृणित कार्य को अंजाम देने वालों को कठोर सजा सुनिश्चित हो सके।