AddText 05 16 03.41.27

कोरोना संक्रमण के संकट से जूझ रहे बिहार को अब बाढ़ की चिंता भी घेरने लगी है. कोरोनावायरस के इस दूसरे दौर में एक तरफ जहां सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को प्रमुखता से देख रही है और बिहारवासी संक्रमण से बचाव व इलाज की ओर लगे हुए हैं.

Also read: Indian Railway : राजधानी दिल्ली से बिहार के लिए करना चाहते है सफर तो बढ़ गई क्‍लोन ट्रेन की अवधि मिल जायेगी आपको कन्फर्म टिकट, जानिये…

वहीं दूसरी ओर कई इलाकों के लोगों को हर साल की तरह इस साल भी बाढ़ की चिंता सताने लगी है. संभावित बाढ़ को लेकर सीएम नीतीश कुमार के दिए आदेश के बाद अब पीएचईडी विभाग ने गाइडलाइन्स जारी कर दिया है. विभाग ने 26 जिलों को चिन्हित कर जिला प्रशासन को पत्र लिख पहले से तैयारी करने का निर्देश दिया है.

Also read: बिहार में एक साथ बनने जा रही कई सारे एक्सप्रेस – वे, चला सकेंगे स्पीड में अपनी कार को जान लीजिये पूरी अपडेट

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पीएचईडी विभाग के सचिव ने जिलों के अभियंताओं को यह निर्देशित किया है कि संभावित बाढ़ क्षेत्रों में पेयजल, शौचालय और स्वच्छता आदि की व्यवस्था पहले से कर लें.

Also read: करना चाहते है वन्देभारत ट्रेन में यात्रा तो कर ले बुकिंग खाली है सीटें, पटना से अयोध्या के बीच 30 अप्रैल तक मिलेगी वोटिंग जानिये….

बाढ़ की स्थिति में राहत शिविर लगाए जाने वाले स्थानों पर तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जिन सामग्रियों की जरुरत पड़ती है उसकी व्यवस्था भी पहले से ही कर लें.

Also read: Bihar Weather : बिहार के लोगों को अगले 48 घंटे तक नहीं मिलने वाली है गर्मी से राहत! इन जगहों पर होगी वर्षा?

सूबे के संभावित बाढ़ क्षेत्रों में उंचे प्लेटफॉर्म के साथ चापाकल लगाने के निर्देश के साथ ही चापाकलों के मरम्मत कराने की बात भी कही गयी है. जिन जिलों में निर्देश जारी किया गया है उनमें पटना,

आरा, बक्सर, सिवान, गोपालगंज, वैशाली, पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, शिवहर, दरभंगा, सीतामढ़ी, मधुबनी, समस्तीपुर, खगड़िया, सुपौल, सहरसा, कटिहार, मधेपुरा, पूर्णिया, अररिया, किशनगंज, मुंगेर, लखीसराय व भागलपुर शामिल हैं.

वहीं जल संसाधन विभाग भी बाढ़ पूर्व की तैयारी में लगा हुआ है. कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के कारण कई कर्मी काम करने में लाचार है उसके बाद भी तैयारी जारी है.

विभाग ने बाढ़ की तैयारी को लेकर अपना अधिसंख्य काम पूरा भी कर लिया है.पिछले साल नदियों के दबाव और संवेदनशील स्थलों के साथ-साथ तटबंधों में कटाव को देखते हुए बाढ़ पूर्व की 269 योजनाओं की स्वीकृति दी गई थी जो अब 298 कर दी गई है. इनमें क्षतिग्रस्त बाढ़ सुरक्षात्मक इन्फ्रास्ट्रक्चर भी शामिल है.

Input :- prabhat khabar

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...