कोरोना की दूसरी लहर की गंभीरता और लगातार बढ़ते मामले चिंता का कारण बने हुए हैं। इस पर चिकित्सा सुविधाओं की कमी और अस्पतालों पर बढ़ते बोझ के कारण गंभीर रोगियों को भी समय पर उपचार नहीं मिल पा रहा है। इन दिक्कतों को देखते हुए विशेषज्ञ हल्के स्तर वाले रोगियों को घर पर ही होम आइसोलेशन में रहकर उपचार कराने की सलाह देते हैं।
होम आइसोलेशन में रोगियों को कई मायनों में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है, इस दौरान छोटी सी भी चूक गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है।
इस लेख में हम विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर आपको बता रहे हैं कि होम आइसोलेशन के समय आपको कौन सी गलतियां नहीं करना चाहिए और किन बातों का विशेष ध्यान रखना आवश्यक होता है?
विशेषज्ञ कोविड-19 के हल्के स्तर के संक्रमण वाले रोगियों को घर पर ही रहकर इलाज कराने की सलाह दी जाती है। संक्रमण की पुष्टि हो जाने पर सार्वजनिक स्थानों जैसे कि कार्यालय, स्कूल, थिएटर, रेस्तरां आदि पर न जाएं। डॉक्टर ने जो दवाइयां दी हैं सिर्फ वही लें, स्टेरॉयड, रेमेडिसविर आदि का खुद से सेवन न शुरू करें। सार्वजनिक परिवहनों का प्रयोग
बिल्कुल न करें। जब तक लक्षण पूरी तरह के खत्म न हो जाएं या फिर टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव न आ जाए, न तो आइसोलेशन खत्म करें न ही किसी से मिलें।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं कि यदि आपको कोविड-19 का संदेह है तो खुद को तुरंत आइसोलेट कर लें, ऐसे कमरे में रहें जहां पर आपके लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था हो।
इसके बाद सबसे पहले जल्द से जल्द आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने की कोशिश करें। अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलें, कोविड-19 के हल्के लक्षणों वाले अधिकांश लोग अस्पताल में भर्ती हुए बिना घर पर ही ठीक हो सकते हैं। अपने चिकित्सक के संपर्क में रहें और लक्षणों पर नज़र रखें।