चित्रकूट जेल में बंदियों के बीच फायरिंग से हड़कंप मच गया। सूत्रों की मानें तो मृतक बंदी कुछ दिनों पूर्व बाहरी जेल से यहां शिफ्ट हुआ था।
चित्रकूट जिला जेल रगौली में कैदी अंशुल दीक्षित ने फायरिंग कर मेराजुद्दीन और मुकीम काला की हत्या कर दी। मुकीम काला पश्चिम उत्तर प्रदेश का बड़ा बदमाश था। वहीं पुलिस कार्रवाई में अंशुल दीक्षित भी मारा गया। जेल के अंदर फायरिंग से पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया।
सूत्रों के अनुसार मृतक बंदी कुछ दिनों पूर्व बाहरी जेल से यहां शिफ्ट हुआ था। जिले के आला अफसर मौके पर मौजूद हैं। आईजी के सत्यनारायण, डीएम सुभ्रान्त कुमार शुक्ला, एसपी अंकित मित्तल, जेल अधीक्षक श्री प्रकाश त्रिपाठी समेत भारी फोर्स मौके पर मौजूद है। बता दें कि मुकीम पर हत्या, लूट, रंगदारी, अपहरण, फिरौती जैसे 35 से ज्यादा मुकदमे दर्ज थे।
चित्रकूट जेल की घटना में मृत मेराजुद्दीन उर्फ मेराज अली को जिला जेल बनारस से प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरित करके चित्रकूट जेल लाया गया था। जबकि दूसरे मृत कैदी मुकीम काला को जिला जेल सहारनपुर से प्रशासनिक आधार पर चित्रकूट जेल लाया गया था।
कभी चिनाई मिस्त्री रहे मुकीम की गिनती हार्डकोर क्रिमिनल के रूप में होती थी। वहीं मुकीम काला को मारने वाले अंशुल दीक्षित को यूपी एसटीएफ ने गोरखपुर जिले के गोरखनाथ थानाक्षेत्र से 2014 में गिरफ्तार किया था। तब उसे सीएमओ विनोद आर्या के बहुचर्चित हत्याकांड के आरोपी शूटर अंशु दीक्षित को गोरखनाथ थाना क्षेत्र के 10 नंबर बोरिंग से मुठभेड़ के बाद उसे अरेस्ट किया था।
उसके खिलाफ लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्र नेता विनोद त्रिपाठी की भी हत्या का आरोप है। बदमाश पर जीआरपी सीतापुर ने 5 हजार जबकि भोपाल मध्य प्रदेश की पुलिस ने 10 हजार का इनाम घोषित किया था। तब एसटीएफ ने बदमाश के कब्जे से एक पिस्टल, एक तमंचा, कारतूस और फर्जी आईडी प्रूफ बरामद किया था। एसटीएफ की पूछताछ में अंशू ने स्वीकार किया कि वह सीतापुर के एमएलसी भरत त्रिपाठी और उनके बेटे परीक्षित त्रिपाठी की हत्या के लिए साथियों की तलाश करने के लिए गोरखपुर आया था।
चित्रकूट धाम मण्डल के आईजी के. सत्यनारायण ने पुष्टि करते हुए बताया कि जेल में पश्चिम यूपी के टॉप मोस्ट क्रिमिनल मेराजुद्दीन और मुकीम उर्फ काला पर शार्प शूटर अंशुल दीक्षित ने गोलियां चलाई। अंशुल दीक्षित पूर्वांचल का शार्प शूटर बताया जा रहा है। दोनों गुटों में हुए संघर्ष में मेराजुद्दीन और मुकीम मारे गए।