देश में इन दिनों कोरोना महामारी लगातार अपना विकराल रूप लेती जा रही है। देश का राज्य कोई भी हो लेकिन हालात कमोवेश एक जैसे दिखाई पड़ते हैं। कोरोना महामारी से निपटने के लिए दिल्ली समेत कई राज्यों ने इस समय लॉकडाउन तक घोषित कर दिया है। क्योंकि इस बार देखा जा रहा है.
कि अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की जबरदस्त किल्लत हो रही है। इसलिए अभी देश में ऑक्सीजन की बहुत किल्लत है लगभग सभी लोगों को सीजन की जरूरत पड़ती है कोरोना पेशेंट की और करोना भारत में थमने के नाम ले नहीं रही.
लेकिन आज हम आपको अपनी इस ख़बर में ऑक्सीजन से जुड़े कारोबार के बारे में बताने जा रहे हैं। आप कैसे बेहद ही कम पैसों में ऑक्सीजन सिलेंडर का काम शुरू कर सकते हैं। भले ही आप ये सोचें कि क्या जब लोगों की मौत हो रही है तो उसी में कारोबार तलाशा जाना सही रहेगा?
तो हम आपको बता दें कि ऐसे समय में लोगों को ऑक्सीजन उपलब्ध करवाना मानवता का भी सबसे बड़ा धर्म होगा। आइए आपको ऑक्सीजन सिलेंडर के इस कारोबार के बारे में विस्तार से बताते हैं। आइए पूरी विस्तार रूप से ऑक्सीजन की कारोबार के बारे में जानते हैं कि कितना से शुरू करें और कैसे मुनाफा होता है.
काम की शुरुआत से पहले आपको ये समझना ज़रूरी है कि ऑक्सीजन सिलेंडर का काम केवल महामारी के दौरान ही चलने वाला काम नहीं है। ये काम निरंतर चलता रहता है। इस काम को शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको कोई बड़ी जगह तलाशनी होगी।
ध्यान रहे कि ये जगह रिहायशी इलाके से थोड़ी दूर हो। साथ ये देखना होगा कि उस जगह से रोड और बिजली की अच्छी कनेक्टिविटी हो। जिससे कभी भी सप्लाई में बाधा न उत्पन्न हो। हमेशा बिजली उपलब्ध हो और वह जगह रोड के किनारे होना चाहिए जहां गाड़ी आसानी से जा सके.
ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए आपको सबसे पहले सिलेंडर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से संपर्क करना होगा। मैनुफैक्चरर आपको इस काम को शुरू करने के बारे में सारी बात विस्तार से बता देगा। खासतौर पर सिलेंडर में ऑक्सीजन फीलिंग का काम अच्छे से आना बेहद ज़रूरी है।
इस काम को शुरू करने के लिए आपके पास फ्लो मेजरमेंट, ऑक्सीजन मास्क, दबाव गेज और Cannula की आवश्यकता पडती है। इन सब चीजों की जानकारी इकट्ठी कर आप इस बिजनेस को बेहद आसानी के साथ शुरू कर सकते हैं। इसके साथ ही आपको कारोबार का दायरा और प्रचार प्रसार की भी उचित व्यवस्था करनी पड़ेगी। ताकि लोगों को आपके बनाए ऑक्सीजन सिलेंडर के बारे में पता लग सके और वह खरीद सकें।
जैसा कि आप जानते हैं कि इस तरह का काम लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा होता है। आपकी जरा-सी चूक ना जाने कितने ही लोगों की जान पर भारी पड़ सकती है। इसलिए इस काम को शुरू करने के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है। अनुमति के बाद आपको राज्य सरकार रजिस्ट्रेशन संख्या प्रदान करती है। जिसकी जानकारी आपको स्थानीय प्रशासन को भी देनी पड़ती है। ऐसा इसलिए किया जाता है.
ताकि ऑक्सीजन सिलेंडर के कारोबार को करने के लिए सरकार की तरफ़ से जो मानक निर्धारित किए गए है उन्हें पूरा किया जा सके। साथ ही प्रशासन आप पर नज़र भी रख सके। और यह काम सरकार की अनुमति के बिना असंभव है लेकिन साधारण था यह मानवता वाला काम है और इसमें सरकार आपको बाधा नहीं देगी और आसानी से सरकार आपको यह काम करने की अनुमति दे देगी.
ऑक्सीजन सिलेंडर लगाने के लिए आपको इसका प्लांट स्थापित करना पड़ता है। जिसकी वज़ह से इसका ख़र्चा थोड़ा ज़्यादा बढ़ जाता है। यदि आप ऑक्सीजन प्लांट का काम छोटे पैमाने पर शुरू करना चाहते हैं, तो इसमें आपको दस से बीस लाख रुपये तक निवेश करने पड़ सकते हैं।
जिसके बाद में इससे आपकी आमदनी भी शुरू हो जाएगी। यदि आप सीधा बड़े प्लांट से शुरुआत करना चाहते हैं तो आप बैंक से लोन भी ले सकते हैं। सरकार आजकल स्टार्टअप के लिए सस्ती दरों पर लोन भी उपलब्ध करवा रही है। लोन ले सकेंगे आप बैंक से फिर धीरे-धीरे किस्तों के हिसाब से आप सरकार को दे सकेंगे.
पिछले साल आई कोरोना महामारी के बाद लोग ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर जागरूक हो गए हैं। आजकल बहुत से लोग अपने घरों तक में छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर रखने लगे हैं। यदि हम ‘पोर्टेबल ऑक्सीजन सिलेंडर’ की क़ीमत की बात करें तो इसके 75 लीटर की क़ीमत लगभग 5500 रुपए होती है। 75 लीटर सुनकर आप ये मत सोचिएगा कि ये कोई भारी भरकम सिलेंडर होता होगा। आपको बता दें कि हमेशा सिलेंडर में गैस को कम्प्रैस करके भरा जाता है। जिससे ऑक्सीजन सिलेंडर का वज़न 700 से 1200 ग्राम तक होता है। लेकिन इसे इस्तेमाल लंबे समय तक किया जा सकता है।
कोरोना काल की आपदा के दौरान तो हर तरफ़ ऑक्सीजन की ही मांग है ही। ऐसे में इस बात को आसानी से समझा जा सकता है कि यदि आप आज ऑक्सीजन सिलेंडर का काम शुरू करते है, तो फिलहाल बाज़ार की मांग को भी पूरा करना लगभग असंभव है। लेकिन हम आपको बता दें कि ऑक्सीजन की मांग कोरोना के बाद भी लगातार बनी रहती है। इस काम में ख़ास बात ये है कि आप ऑक्सीजन सिलेंडर बेचकर अच्छी कमाई तो कर ही सकते हैं, लेकिन इसके प्लांट में काम करना अपने आप में एक रिस्क भी है। क्योंकि अधिक दबाव के चलते कई बार सिलेंडर नुक़सान भी पहुँचा देते हैं। ऐसे में सरकार ने ऑक्सीजन प्लांट में काम करने वाले लोगों के लिए विशेष प्रोटोकॉल बनाए हैं। उनका पालन करना सभी कर्मचारियों के लिए बेहद ज़रूरी होता है।
किसी विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए आप घर पर छोटा पोर्टेबल सिलेंडर लाकर भी रख सकते हैं। इसकी एक तो क़ीमत भी बेहद कम होती है। साथ ही इसका वज़न भी बहुत हल्का होता है। 600 ग्राम के पोर्टेबल सिलेंडर में लगभग 70 किलो ऑक्सीजन भरी होती है। माना जाता है कि इसमें 99 प्रतिशत तक शुद्ध ऑक्सीजन गैस भरी होती है। इस ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ एक किट भी आती है। जिसे घर पर रखकर इसका बेहतर तरीके से प्रयोग किया जा सकता है। हालांकि, हम आपको स्पष्ट कर दें कि ऑक्सीजन सिलेंडर का प्रयोग हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए। क्योंकि बिना डॉक्टर की सलाह के इसका प्रयोग खतरनाक भी हो सकता है।