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पिता था शिक्षक, बेटे ने ठानी IAS बनने की जिद, पहले ही प्रयास में लाया 13वा रैंक बना IAS अधिकारी, देखे विडियो

IAS Gaurav Budania

IAS Gaurav Budania

IAS Success Story: दोस्तों यूपीएससी की परीक्षा हर साल होती है. हर साल इन परीक्षा में लाखों की संख्या में लोग शामिल होते हैं. इन परीक्षा में हर साल लाखों लोगों का सपना होता है कि यूपीएससी के परीक्षा के पहले ही प्रयास में सफलता हासिल हो जाए. लेकिन कम ही लोगों को यूपीएससी की परीक्षा के पहले प्रयास में सफलता हासिल होता है.

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UPSC Success Story: ऐसे ही दोस्तों आज के इस खबर में हम राजस्थान के चूरू गांव के रहने वाले आईएएस गौरव बुदानिया (IAS Gaurav Budania) के बारे में बताने जा रहे हैं. जिन्होंने साल 2020 के यूपीएससी के परीक्षा के पहले प्रयास में सफलता हासिल कर आईएएस अफसर बनकर अपने पूरे गांव सहित देश का नाम भी रोशन कर दिया.
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IAS Gaurav Budania

IAS Success Story: आईएएस गौरव बुदानिया (IAS Gaurav Budania) ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा की पढ़ाई राजस्थान के आदर्श विद्या मंदिर स्कूल से प्राप्त की. और उसके बाद उन्होंने स्नातक की पढ़ाई भी कंप्लीट किया. एंव उसके बाद भारत के सबसे बड़े विश्वविद्यालय बीएचयू बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से बीटेक की पढ़ाई भी पूरा किया.

उन्होंने सोशियोलॉजी विषय में एमए की डिग्री भी हासिल किया. गौरव ने एक अच्छे नौकरी चुनने के वजह अपना लक्ष्य यूपीएससी को बनाया और कठिन परिश्रम एवं मेहनत के साथ यूपीएससी की तैयारी में जुट गया. आईएएस गौरव उन भाग्यशाली स्टूडेंट में से एक हैं. जिन्होंने महज देश के सबसे बड़े लेवल के परीक्षा यूपीएससी की परीक्षा के पहले ही प्रयास में पूरे ऑल इंडिया में 13 वी रैंक लाकर टॉप किया.
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IAS Gaurav Budania

IAS Success Story: आईएएस गौरव बुदानिया (IAS Gaurav Budania) का जन्म 8 सितम्‍बर 1995 को राजस्थान (Rajasthan) के चूरू गांव में हुआ था. इनके पिता का नाम रामप्रतात सिंह (Rampratat Singh) है. जोकी बुडानिया चूरू में वरिष्‍ठ शिक्षक है. एवं उनकी माता का नाम संतोष देवी (Santosh Devi) है. जोकि एक गृहिणी है.

इन्होंने साल 2020 के यूपीएससी के परीक्षा के पहले ही प्रयास में पुरे ऑल इंडिया में 13 वा रैंक हासिल कर आईएएस ऑफिसर बनकर अपने सपने सहित अपने पुरे परिवार के सपने को भी पूरा कर दिया. आईएएस गौरव बुदानिया की शादी 4 नवंबर 2022 को एक शिक्षक अनुप्रिया ढाका (Anupriya Dhaka) से हुई.

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