1620743889933 01

सरबजीत सिंह मोखा. जबलपुर में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के सिटी प्रेसिडेंट हैं. शहर में ही एक सिटी अस्पताल है. मोखा उसके मालिक भी हैं. मोखा के दो साथी हैं, उनके मैनेजर देवेंद्र चौरसिया और फार्मा कंपनियों की डीलरशिप चलाने वाले स्वपन जैन.

Also read: Bullet Train Update : बहुत जल्द आपको पटरी पर दौड़ते हुए नज़र आने वाली है बुलेट ट्रेन, महज चंद मिनटों में कर पायेंगे दुसरे राज्य की सफर

इन तीनों पर अपने अस्पताल में भर्ती मरीजों को फर्जी रेमडेसिविर (Remdesivir) बेचने का आरोप है. बता दें कि रेमडेसिविर कोरोना वायरस इंफेक्शन के इलाज में यूज़ हो रही ज़रूरी दवाओं में से एक है.

Also read: भागलपुर से राजधानी पटना और दिल्ली के लिए सफ़र करना हुआ आसान जान लीजिये समय-सारणी और टाइम टेबल…

“आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 274 (दवाओं में मिलावट), 275 (मिलावटी दवा की बिक्री), 308 (गैर इरादतन हत्या), 420 (धोखाधड़ी) और डिजास्टर मैनेजमेंट ऐक्ट और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स ऐक्ट की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है.”

Also read: बड़ी खबर : शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन अब चलेगी दुसरे मार्ग से बदल गया रूट, एक ट्रेन भी रद्द जानिये वजह…

पुलिस के मुताबिक, स्वपन जैन को सूरत पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वहीं मोखा और चौरसिया फरार चल रहे हैं.

Also read: Mumbai-Howrah Duronto Express : दो दिनों तक रद्द रहेगी ये लम्बी दुरी की ट्रेनें जान लीजिये पूरी बात…

इंडिया टुडे के हेमेंदर शर्मा ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि मोखा राज्य सरकार के एक सीनियर मंत्री के बेटे के संपर्क में थे.

उन्होंने इंदौर से 500 फेक रेमडेसिविर मंगवाए और अपने अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिवारवालों को बेच दिए. एक-एक नकली रेमडेसिविर 35 से 40 हज़ार रुपये में बेची गई.

मामला सामने आने के बाद कांग्रेस ने इसे फर्जी रेमडेसिविर घोटाले से जोड़ा है. उस मामले में नमक और ग्लूकोज़ से एक लाख फर्जी रेमडेसिविर बनाकर पूरे देश में भेजना का आरोप है. मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद विवेक तनखा ने इसे लेकर ट्वीट किया,

CBI को यह मल्टी स्टेट Remdesivir स्कैम सौंपा जाये. 3000 इंदौर आए और 3500 जबलपुर भी आए. दिल्ली , राजस्थान, छत्तीसगढ़ भी गए.अस्पतालों में किन और कितनो को लगे यह पब्लिक किया जाए. कौन बड़े लोग किन शहरों में लाये यह भी सामने आये.

इससे पहले इंदौर की विजय नगर पुलिस को सूरत पुलिस से जानकारी मिली थी कि शहर में फर्जी रेमडेसिविर का कारोबार चल रहा है. जानकारी के आधार पर पुलिस ने एक कॉन्स्टेबल को ग्राहक बनाकर आरोपियों के पास भेजा था.

इनमें से एक आरोपी ने एक ही बैच नंबर के कई रेमडेसिविर बेचे थे. 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से छह लोगों के खिलाफ इंदौर पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई की है.

पुलिस का कहना है कि वो अब उन लोगों को ढूंढ रही है जिनको फेक इंजेक्शन लगाए गए हैं. एक युवक ने पुलिस को बताया है कि उसने अपने दोस्त के पेरेंट्स के लिए रेमडेसिविर खरीदी थी.

पिछले हफ्ते उनकी मौत हो गई. जबलपुर में भी कई लोगों ने इसी तरह के दावे किए हैं. उनके दावों की जांच की जा रही है.

फेक रेमडेसिविर घोटाले का खुलासा सूरत पुलिस ने किया था. वहां पुलिस एक फॉर्म हाउस में पुलिस ने एक लाख नकली रेमडेसिविर बरामद की थी.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...