बिहार में सरकार की नाकामियों को उजागर करना गुनाह है। अगर आप यह जुर्म करेंगे तो सलाखों के पीछे डाल दिये जायेंगे। जी हां नीतीश कुमार ने अपनी पुलिस को ये आदेश दे दिया है। पूर्व सांसद पप्पू यादव इसके पहले शिकार बने हैं। सुशासन की पुलिस ने आज उन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस का कहना है कि पप्पू यादव लगातार लॉकडाउन का उलंघन कर रहे थे। पप्पू यादव की गिरफ्तारी के बाद बिहार में बवाल मच गया है।
आम लोगों में सरकार के खिलाफ भारी नाराजगी है। आम लोग ही नहीं बल्कि सरकार की सहयोगी जीतनराम मांझी ने भी सीएम नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
बिहार के पूर्व सीएम व जेडीयू की सहयोगी हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने खुलकर सामने आये हैं। मांझी ने सीएम नीतीश के इस निर्णय का खुलकर विरोध किया है।
मांझी ने ट्वीट कर कहा है कि कोई भी जनप्रतिनिधि अगर दिन-रात जनता की सेवा करे और उसके एवज़ में उसे गिरफ़्तार किया जाए, ऐसी घटना मानवता के लिए ख़तरनाक है। ऐसे मामलों की पहले न्यायिक जाँच हो तब ही कोई कारवाई होनी चाहिए नहीं तो जन आक्रोश होना लाज़मी है।
पप्पू यादव को गिरफ्तार करने के लिए पटना कोतवाली DSP समेत पांच थानों के थानाध्यक्ष उनके मंदिरी आवास पर पहुंचे। पप्पू ने पुलिस को आश्वासन दिया कि कोरोना के दौर में वे घर से बाहर नहीं निकलेंगे।
उन्होंने इसकी लिखित कॉपी भी कोतवाली DSP को सौंपी है। लेकिन पटना पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और गांधी मैदान थाना लेकर गई। गांधी मैदान थाने में उनका कोरोना जांच हुआ जिसमें वे निगेटिव पाये गये।
पप्पू यादव कोरोना काल में अस्पताल, श्मशान से लेकर जिलों में घूमकर कोरोना पीड़ितों की मदद कर रहे थे।वे सरकार की नाकामियों को उजागर कर रहे थे। 7 मई को छपरा में BJP सांसद राजीव प्रताप रूडी के किसी खास के आवास पर 25 से अधिक एंबुलेंस ढंककर रखने का मामला उजागर किया था।
जो काफी सुर्खियों में रहा था। इस मामले में पूर्व सांसद पप्पू यादव ने रूडी पर केस दर्ज करने की मांग की थी।लेकिन उल्टे पप्पू पर ही केस दर्ज हो गया था।
इसके बाद पटना में भी कोरोना गाइडलाइन को लेकर पप्पू पर FIR दर्ज की गई। इसके बाद मंगलवार सुबह उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।