Purnia News: सरकार ने करोड़ों रुपये की लागत से खाड़ी पुल का निर्माण तो करवा दिया लेकिन एप्रोच पथ नहीं बनने और कनकई नदी का रास्ता मुड़ जाने के कारण यह पुल बेकार पड़ा है.

पूर्णिया के अमौर में 10 साल से बन रहा खाड़ी पुल अभी भी अधूरा है. आजादी के 74 साल बाद भी लोग नाव के सहारे आवागमन करने को विवश हैं. कई बार नाव दुर्घटना हो चुकी हैं. इसके बावजूद भी प्रशासन और जनप्रतिनिधि नहीं चेता है. 2011 में करोड़ों की लागत से 11 स्पेन का इस पुल का निर्माण.

Also read: India New Expressway: इसी साल में बनकर तैयार होंगे भारत का दूसरा सबसे लंबा सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे, निर्माण में खर्च किये जायेंगे 50 हजार करोड़ रुपये

Also read: Bullet Train In Rajsthan: दिल्ली – अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत राजस्थान के 7 जिलों के 335 गावों से होकर भी गुजरेगी बुलेट ट्रेन, खबर में जानिए पूरी डिटेल्स…


कार्य शुरू हुआ था. 2017 में पुल का निर्माण कार्य तो पूरा हुआ लेकिन आज तक एप्रोच पथ नहीं बना. 2017 में बाढ़ ने कनकई नदी का रुक ही मोड़ दिया और अब उनके बाद से कनकई नदी बहने लगी.

स्थानीय लोगों का कहना है कि अब लोगों के लिए नाव ही एकमात्र सहारा बन गया है. कनकई नदी में एक बार फिर जलस्तर बढ़ने लगा है. ऐसे में लोगों को पानी में घुसकर नाव पर सवार होना पड़ता है. इसके लिए लोग घंटों इंतजार करते हैं.

इस खाड़ी पुल का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने के कारण अमौर प्रखंड के तालबाड़ी, नग़मा टोला समेत कई पंचायतों के हजारों लोगों के आवागमन का एकमात्र साधन नाव ही है.

लोगों का कहना है कि इस बाबत कई बार विधायक और सांसद से गुहार लगाई गई लेकिन उन लोगों के द्वारा भी कोई पहल नहीं हुई.

अब लोगों ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है ताकि यहां पूल बनाया जाए. लोगों को आवागमन का साधन मिल सके. इलाके के लोग सालों भर नाव से ही सफर करने के लिए मजबूर हैं. ऐसे में आमजन को तो परेशानी होती ही है, छात्रों को स्कूल जाने में भी परेशानी होती है.

सरकार ने करोड़ों रुपये की लागत से खाड़ी पुल का निर्माण तो करवा दिया लेकिन एप्रोच पथ नहीं बनने और कनकई नदी का रास्ता मुड़ जाने के कारण यह पुल बेकार पड़ा है.

ऐसे में आजादी के 74 साल बाद भी इस इलाके के लोगों के आवागमन का नाव ही एकमात्र सहारा है. ऐसे में जरूरत है यहां पुल निर्माण की ताकि लोगों को आवागमन का सुगम रास्ता मिल सके.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...