कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से पूरे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई हुई है. लोग अस्पताल में सांस के लिए तड़प रहे हैं और उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिल रह…लेकिन बिहार में बदहाली का आलम ये हैं कि यहां नए ऑक्सीजन सिलेंडर कूड़े के ढेर में पड़े हुए हैं. मामले की जानकारी मिलने के बाद डीएम मौके पर जांच के लिए पहुंचे.
एकतरफ पटना में ऑक्सीजन के लिये मारा मारी मची है, वहीं पटना के गर्दनीबाग में सिविल सर्जन कार्यालय और कैंपस में लगभग 36 ब्रांड न्यू ऑक्सीजन सिलेंडर यूं ही कचड़े में फेंका हुआ मिला.
बता दें कि यहीं बिहार राज्य स्वास्थ्य समिति का कार्यलय भी है. इन सिलेंडरों को कोई देखने वाला तक नहीं था, लेकिन जब मीडियाकर्मियो के कैमरे में तस्वीरें कैद हुई तो आननफानन में सभी सिलेंडर को वहां से हटा दिया गया.
इस मामले को लेकर पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह जांच के लिए पहुंचे और सफाई दी कि हमारे पास सिलेंडर की नहीं ऑक्सीजन की कमी है. जबकि सच्चाई ये है कि पूरे बिहार में कई ऐसे मरीज है जिन्हें ऑक्सीजन की सख्त जरूरत है लेकिन उन्हें सिलेंडर तक नहीं मिल पा रहा है.
बता दें कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था सवालों के घेरे में है. बीते दिनों सारण के सांसद राजीव प्रताप रूडी के आवास पर कई एंबुलेंस ढंके हुए मिले थे जिसके बाद सत्ताधारी और विपक्षी दलों में आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति शुरू हो गई है.