छत्तीसगढ़ के भिलाई में कोहका के साकेत नगर में देर रात घर के अंदर एक विचित्र नस्ल के सांप को देखा गया। दहशत में आए घर वालों ने नोवा नेचर के सदस्य अजय कुमार को इसकी सूचना दी। सांप की पहचान रसेल वाइपर के रूप में की गई। ये दुनिया का तीसरा सबसे जहरीला सांप है।
ऐसे किया गया रेस्क्यू
भिलाई के साकेत नगर कोहका में देर रात पलंग की मच्छरदानी में एक विषैला सांप रसेल वायपर घुस गया था। मौके पर पहुंचकर नोवा नेचर की टीम ने सांप का सफलता पूर्वक रेस्क्यू कर महिला और बच्चों की जान बचाई। नोवा नेचर के सदस्य अजय कुमार ने बताया कि नामदेव नारखेड़े के घर में एक अनहोनी घटना होते-होते बच गई।
घर में देर रात उनके बच्चों के रूम से प्रेशर कुकर की सीटी जैसी आवाज आ रही थी। यह आवाज वहां पलंग पर मच्छरदानी के अंदर छिपा सांप निकाल रहा था। इसके बाद सांप के छिपे होने की जानकारी वन विभाग को दी गई।
सांप की पहचान रसेल वाइपर के रुप में की गई, जो कि बहुत ही विषैला होता है। यह सांप गर्मी के मौसम में नहीं निकलता यह ज्यादातर ठंडी के मौसम में निकलता है। इस मौसम में यह सांप देख कर थोड़ा अचंभा लगा। करीब 1 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सांप को पकड़ा गया। वन विभाग के माध्यम से राजनांदगांव जिले के जंगल में सांप को सुरक्षित छोड़ दिया गया है।
रसेल वाइपर जिसे हम हिंदी में घोड़स और छत्तीसगढ़ी भाषा में जुड़ा महामंडल के नाम से जानते हैं। इस सांप का सिर अंग्रेजी अक्षर के V आकार का दिखाई देता है। बड़े नथुने ,भुरी व पीली पीठ जिस पर स्पष्ट काले अंडाकार आकार में धब्बे होते है। इस सांप को छेड़ने पर प्रेशर कुकर की तरह बहुत जोर से फुंफकारता है। जब कोई चारा नहीं बचता तब ही काटता है।
जानकारी के मुताबिक विश्व में सांप की तीन ऐसी प्रजाति है, जो बेहद जहरीली होती है। करैत, गेहूंवन और रसेल वाइपर, तीसरी प्रजाति यानी रसल वाइपर आता है।
भारत में रसल वाइपर की 5वीं प्रजाति पाई जाती है। खतरनाक होने के साथ-साथ ये मनुष्य से खतरा महसूस होने पर अपने से दूर रहने के लिए उन्हें सावधान भी करता है। जैसे आस-पास मनुष्य के होने पर यह खाना बनाने वाले प्रेशर कुक