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हमारे देश में गाँव के लोग अशिक्षा के कारण या पर्याप्त सुविधाएँ उपलब्ध ना होने की वज़ह से

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आज भी पुराने नुस्खे बताने वाले हकीमों और बेकार डॉक्टर्स पर विश्वास करके जीवन बिता रहे हैं।

कई बार तो इन हकीम और डॉक्टर की बेपरवाही का हर्जाना बहुत से लोगों को भुगतना पड़ता है,

इतना ही नहीं बहुत बार तो लोगों को इनकी वज़ह से अपनी जान भी गंवानी पड़ी है।

गांव के लोग अपने बच्चों के लिए छोटी बड़ी सभी बीमारियों के इलाज़ के लिए इन गाँव के नीम हकीम के पास ले जाते हैं

और बहुत बार इनकी वज़ह से इन बच्चों का पूरा जीवन बर्बाद हो जाता है।

आज हम ओडिशा के जिस लड़की के बारे में आपको बताने जा रहे हैं उसके साथ भी कुछ ऐसी ही घटना हुई।

एक डॉक्टर के वज़ह से वह लड़की दृष्टिहीन हो गई। हालांकि उन्होंने फिर भी अपनी ज़िन्दगी से हार नहीं मानी और पढ़ लिख कर IAS ऑफिसर बनीं,

परंतु फिर भी दृष्टिहीन होने की वज़ह से उनके जीवन में बहुत परेशानी आती है।

आज हम इसी लड़की तपस्विनी दास (IAS Tapaswini Das) की प्रेरणादायक सक्सेस स्टोरी आपको बताने जा रहे हैं,

जिसने आंखों की रोशनी ना होने पर भी जीवन में संघर्षों का सामना करते हुए IAS बनने का मुश्किल सफ़र तय किया।

तपस्विनी दास (IAS Tapaswini Das) ने अपने जीवन में अत्यधिक संघर्षों का सामना करके

हिम्मत से और दृढ़ निश्चय से जो कामयाबी प्राप्त की उससे सभी छात्रों को सीख मिलती है

कि मनुष्य भले ही साधारण हो परंतु वह अपने मज़बूत इरादों से असाधारण काम करके दिखा सकता है।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...