बिहार में कोरोना महामारी के बीच डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ लगातार हो रही मारपीट और बदसलूकी की खबरें सामने आ रही है. इसी बीच गोपालगंज जिले में हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल में चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनुराग प्रियदर्शी के साथ मारपीट की घटना को दिया गया था.

जिसके बाद सिविल सर्जन डॉ. योगेंद्र महतो ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. लेकिन आज स्वास्थ्य विभाग ने उस इस्तीफे को नामंजूर करते हुए डॉक्टरों को पूरी सुरक्षा देने का वादा किया है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से कहा गया है कि सभी कोविड अस्पतालों में स्टैटिक टीम की तैनाती की जाएगी. 

Also read: Bullet Train In Rajsthan: दिल्ली – अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत राजस्थान के 7 जिलों के 335 गावों से होकर भी गुजरेगी बुलेट ट्रेन, खबर में जानिए पूरी डिटेल्स…

Also read: India New Expressway: इसी साल में बनकर तैयार होंगे भारत का दूसरा सबसे लंबा सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे, निर्माण में खर्च किये जायेंगे 50 हजार करोड़ रुपये

आपको बता दें कि गोपालगंज के सिविल सर्जन डॉ. योगेंद्र महतो ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को भेजे गए अपने इस्तीफा में सिविल सर्जन ने चिकित्सकों के साथ आए दिन हो रही मारपीट की घटनाओं को कारण बताया था. उन्होंने प्रधान सचिव से इस्तीफा स्वीकार कर प्रभार किसी अन्य को सौंपने का आदेश देने की मांग भी की थी. 

गोपालगंज के सीएस ने अपने इस्तीफे में आरोप लगाया है कि 3 मई की रात करीब 9 बजे हथुआ अनुमंडलीय अस्पताल में चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अनुराग प्रियदर्शी के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया. घटना के समय अनुमंडलीय अस्पताल में मौजूद अन्य स्वास्थ्य कर्मियों व चिकित्सक को अपनी जान बचाने के लिए अस्पताल से भागने को विवश होना पड़ा.

उन्होंने आरोप लगाया कि सदर अस्पताल में भी आए दिन इसी तरह की घटनाएं हो रही हैं. चिकित्सकों को जान से मारने व गोली मारने की धमकियां दी जा रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह की परिस्थितियों के कारण वे खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं. ऐसे में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लेते हुए इस्तीफा दिया था. 

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...