दिल्ली सहित देशभर में कोरोना वायरस से बुरा हाल है. कई जगह से ऑक्सीजन, दवाई, बेड की कमी की रिपोर्ट आ रही है. कई ऐसी रिपोर्ट्स भी आई हैं जहां ऑक्सीजन की कमी के कारण लोगों की मौत हो गई है. वक्त रहते वेंटिलेटर और एम्बुलेंस का इंतजाम नहीं होने के कारण
नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (NSG) के एक सीनियर कमांडो 5 मई को कोरोना से जिंदगी की जंग हार गए. ग्रेटर नोएडा के सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज (CAPF) हॉस्पिटल में एनएसजी के सीनियर कमांडर बीरेंद्र कुमार झा की मौत हो गई है.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट मुताबिक़ कोरोना वायरस की वजह से भारत के टॉप आतंकवाद विरोधी कमांडो फ़ोर्स में यह पहली मौत है. इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि 54 साल के ग्रुप कमांडर 19 अप्रैल को कोविड की चपेट में आए थे.
उनकी हालात ख़राब होने पर CAPF के हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया, जहां उनकी तबीयत में सुधार था. लेकिन 4 मई की देर रात उनकी तबीयत ज्यादा ख़राब हो गई.
इंडिया टुडे ने NSG के टॉप सूत्रों के हवाले से बताया है कि जब हमें लगा कि उनकी हालत बिगड़ रही है, तो हमने उन्हें वेंटिलेटर पर रखने को कहा. लेकिन दुर्भाग्य से हॉस्पिटल के दो वेंटिलेटर काम नहीं कर रहे थे. इसके बाद एम्स दिल्ली के जरिए कोशिश की गई,
लेकिन वहां बताया गया कि इतने कम वक्त में व्यवस्था नहीं की जा सकती. इसके बाद NSG ने नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल में संपर्क किया, जहां वेंटिलेटर उपलब्ध हुआ. अब अगली चुनौती ग्रुप कमांडर को सुरक्षित हॉस्पिटल में शिफ्ट करना थी.
अब CAPF हॉस्पिटल के पास शिफ्ट करने के लिए विशेष एम्बुलेंस नहीं थी. फिर से फोर्टिस से संपर्क किया गया तो पता चला कि उनके पास भी लाइफ-सेविंग एम्बुलेंस नहीं थी. इस सब में वक्त जा रहा था. ऐसे में अंत में NSG ने एडवांस्ड कार्डियक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस के जरिए भेजा लेकिन कार्डियक अरेस्ट के कारण उनकी मौत हो गई.