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बिहार के कैमूर जिले में मुखिया के निधन के बाद उनके शव के दाह संस्कार के लिए स्थानीय ग्रामीणों ने चंदा जुटाया और उनका अंतिम संस्कार किया. बताया जा रहा है कि मुखिया के परिजनों के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह मुखिया का अंतिम संस्कार कर पाते इसलिए ग्रामीणों ने पैसे जुटाकर मुखिया का अंतिम संस्कार किया. 

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घटना कैमूर जिले के चैनपुर प्रखंड स्थित सिरबिट पंचायत की बताई जा रही है. जानकारी के अनुसार, मुखिया शिवमूरत मुसहर का निधन लंबी बीमारी के चलते हो गया. उन्हें सांस से जुड़ी बीमारी थी. इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. ग्रामीणों ने बताया कि मुखिया की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी.

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लंबे समय से वह सरकार से अनुसूचित जनजाति के लिए बनाई गई कॉलोनी में अपना गुजर-बसर कर रहे थे.जीवनयापन के लिए बीपीएल धारी होने के चलते उन्हें जनवितरण प्रणाली के माध्यम से प्रत्येक महीने राशन मिलता था. इसी से उनका गुजर-बसर होता था. आय का और कोई अन्य साधन नहीं था. 

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मुखिया का सारा काम उनके प्रतिनिधि ही करते थे. वहीं मुखिया के निधन के बाद उनके परिजनों ने मुखिया प्रतिनिधि पर कई आरोप लगाए हैं.  ग्रामीणों की माने तो मुखिया के निधन होने के बाद मुखिया के दाह संस्कार के लिए भी मुखिया के  परिजनों के पास पैसे नहीं थे. स्थानीय कुछ लोगों ने चंदा जुटाकर शिवमूरत मुसहर के शव का अंतिम संस्‍कार किया. 

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सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...