Sahara India Refund: सहारा इंडिया एक ऐसी स्कीम है जिसके जिसको लोगों ने अपने भविष्य का सहारा माना था लेकिन हुआ कुछ उल्टा ही दरअसल सहारा कम्पनी के ऊपर उसके निवेशकों का आरोप है कि सहारा इंडिया समय पूरा होने के बाबजूद भी पैसा वापस नहीं कर रहा है | आपको बता दे कि सहारा इंड‍िया (Sahara India) में लाखों लोगों के पैसे फंसे हुए हैं. सरकार भी न‍िवेशकों का पैसा वापस द‍िलाने के ल‍िए प्रयासरत है. सहारा इंड‍िया की तरफ से दी गई सफाई में कहा गया क‍ि उसने न‍िवेशकों की 25 हजार करोड़ की रकम भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (SEBI) के पास जमा कर दी है |

सेबी (SEBI) की तरफ से सहारा के 25 हजार करोड़ रुपये रोके जाने के विरोध में सहारा इंडिया परिवार (Sahara India Pariwar) के निवेशकों और कर्मचारियों सहित बड़ी संख्या में लोगों ने जयपुर में मार्च निकाला और विरोध-प्रदर्शन किया. यह नाराजगी न‍िवेशकों और कर्मचार‍ियों में सेबी के खिलाफ थी. एक बयान के अनुसार, भाजपा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने बस्सी चौक से सेबी के क्षेत्रीय कार्यालय तक मार्च न‍िकाला और तत्काल कार्रवाई के लिये सेबी के अधिकारी को ज्ञापन सौंपा |

Also read: India New Expressway: इसी साल में बनकर तैयार होंगे भारत का दूसरा सबसे लंबा सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे, निर्माण में खर्च किये जायेंगे 50 हजार करोड़ रुपये

Also read: Bullet Train In Rajsthan: दिल्ली – अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत राजस्थान के 7 जिलों के 335 गावों से होकर भी गुजरेगी बुलेट ट्रेन, खबर में जानिए पूरी डिटेल्स…

ज्ञापन के अनुसार, सहारा इंडिया (Sahara India) ने अपने निवेशकों को रकम लौटाने के लिए ब्याज सहित 25 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा राशि सेबी (SEBI) के पास जमा करा दी है. लोकसभा में सेबी ने भी यह स्वीकार किया है कि उसने क्षेत्रीय और राष्ट्रीय समाचार पत्रों में चार बार विज्ञापन के जरिये इसके बारे में सूचित किया है और पिछले 9 साल में 125 करोड़ रुपये निवेशकों को वापस लौटाये हैं.

गौरतलब है इससे पहले सहारा इंड‍िया ने व‍िभ‍िन्‍न समाचार पत्रों में व‍िज्ञापन के जर‍िये अपनी बात कही थी. इस व‍िज्ञापन में सहारा (Sahara) ने सेबी (SEBI) पर निवेशकों के 25,000 करोड़ रुपये रखने का आरोप लगाया था. सहारा ने पत्र में ल‍िखा था क‍ि वह (सहारा) भी सेबी से पीड़ित है. हमसे दौड़ने के ल‍िए कहा जाता है लेक‍िन हमें बेड़ियों में जकड़ कर रखा गया है. सेबी (SEBI) की तरफ से भी बताया गया था क‍ि दस्तावेजों और र‍िकॉर्ड में निवेशकों का डाटा ट्रेस नहीं हो पा रहा है.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...