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बिहार के लिए बहुत ही गर्व की बात है की बिहार की बेटी मिताली प्रसाद एवरेस्ट फतह करेगी। बता दे कि मंगलवार को ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार व नालंदा के डीएम शशांक शुभंकर ने तिरंगे के साथ मिताली प्रसाद को एवरेस्ट बेस कैंप (देहरादून) के लिए रवाना किया। वह बिना किसी गाइड के ही 20 दिन में एवरेस्ट फतह करने का प्रयास करेगी। जुलाई के पहले सप्ताह में वहां से लौटेगी।

23 वर्षीय मिताली पटना विश्वविद्यालय की छात्रा रह चुकी है। उसने राजनीतिशास्त्र से मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। वह 2010 में कराटे की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुकी है। उसने 2013 में नेहरु इंस्टीट्यूट ऑ़फ मॉउंटेनरिंग से प्रशिक्षण प्राप्त किया। 2017 में कंचनजंघा की चोटी तक पहुंची। मार्च 2019 में अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर फतह हासिल की।

दरअसल मिताली नालंदा के कतरीसराय स्थित मायापुर की रहने वाली है।उसके पिता निजी स्कूल में शिक्षक हैं। मां गृहिणी हैं। मिताली ने कहा- आर्थिक तंगी की वजह से एवरेस्ट फतह का मेरा सपना पूरा नहीं हो पा रहा था। पिछले पांच साल से संघर्ष कर रही थी। पिता के पास इतने पैसे नहीं थे कि मेरे सपने पूरे कर सकें। फिर मैंने मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक को पत्र लिखा।

वह बताती हैं कि इसके लिए की $11 हजार डॉलर नेपाल सरकार को जमा करना होता है। इसके अलावा पांच लाखों रुपए की सामग्री और एक करोड़ रुपए की इंश्योरेंस की जरूरत है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 से उन्होंने इसके लिए बिहार सरकार से मदद की गुहार लगाई है।

लेकिन कितने साल गुजर जाने के बाद भी सरकार की तरफ से उन्हें कोई मदद नहीं मिली। इसके लिए जब उन्होंने केंद्र सरकार से फंड की मांग की तो यह जवाब मिला कि जब तक बिहार सरकार की तरफ से अप्रूवल नहीं मिलता है। तब तक उन्हें इस काम में परेशानी झेलनी पड़ेगी।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...