दोस्तों अभी एक खबर मीडिया में खूब जमकर चारो तरफ देखने को मिल रही है दरअसल यह मामला बिहार के मधुबनी जिले के कलुआही प्रखंड के नारार गाँव के वार्ड संख्या 2 की मामला है | है जहाँ पर एक बेटे ने अपने पिता की सपना को पिता के मौत के बाद साकार किया आईये जानते है इस मामला को विस्तार से…..
दरअसल इस गाँव से पास करने के लिए एक पूल काफी समय से टुटा हुआ था | जिसके टूटने के कारण लोगों को बारिश के महीने में काफी परेशानी झेलने पड़ते थे | और वहां से पास करना लोगों के लिए एक चुनौती से कम नहीं था | उसी गाँव के निवासी महादेव झा की सपना था उस पूल को बनवाना जिससे पुरे समाज के लोगों की परेशानी खत्म हो सके | लेकिन इसी क्रम में बुजुर्ग महादेव झा इस सपने को लेकर ही दुनियां से चल बसे.
उनके पुत्र ने उनके इस सपने को पूरा कर दिया है. महादेव झा के पुत्र सुधीर झा ने अपने पिता के निधन पर श्राद्ध भोज करने के बजाय 5 लाख रुपये की लागत से गांव में पुल का निर्माण करवा दिया है. सुधीरे ने न केवल गांववालों को सुगम आवाजाही सुनिश्चित कर दी है, बल्कि एक नयी परंपरा का भी आगाज किया है.
बताया जाता है कि महादेव झा ने ही सुधीर को ऐसा करने के लिए कहा था. उन्होंने समाज को एक नयी राह दिखाते हुए अपनी पत्नी और बेटे सुधीर झा से कहा कि अगर पुल निर्माण से पहले उनका निधन हो जाये तो श्राद्ध भोज और कर्मकांड पर लाखों रुपये खर्च करने की बजाय गांव की सड़क पर पुल का निर्माण करवा देना. बहरहाल सुधीर झा ने अपने दिवंगत पिता के सपने को साकार करते हुए गांव की सड़क पर 5 लाख की लागत से पुल का निर्माण करवाया है.
दिवंगत महादेव झा की पत्नी महेश्वरी देवी का कहना है कि पेशे से शिक्षक रहे उनके पति महादेव झा का साल 2020 में निधन हो गया था. उनकी इच्छानुसार परिवार के लोगों ने श्राद्ध भोज पर खर्च करने की बजाय गांव की सड़क पर पुल का निर्माण करवाया है. दिवंगत महादेव झा के छोटे भाई महावीर झा का कहना है कि गांव की सड़क पर पुल बन जाने से यहां से गुजरने वाले राहगीरों को काफी राहत मिली है |