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बिहार के भागलपुर में पांच साल के अन्दर चारो तरफ दिखेंगे सड़कों के फैले हुए जाल आपको बता दे कि केंद्र सरकार ने भागलपुर के लिए कई नई योजनाओं को लागू करने पर हामी जतायी है। सूबे के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बीच हुई वार्ता में भागलपुर को भारतमाला फेज-2 का लाभ मिलने पर सहमति जतायी गई। इससे अगले पांच साल में एनएच की सड़कों की लंबाई मौजूदा से दोगुनी तक हो जाएगी। 

सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) ने भारतमाला फेज-2 से सुल्तानगंज-देवघर कांवरिया पथ को जोड़ने पर हामी जतायी। इसके अलावा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का विस्तार बक्सर से भागलपुर तक करने पर भी रजामंदी हुई। भागलपुर में जाम की समस्या को देखते हुए शहर के बाहरी हिस्सों को जोड़ती रिंग रोड भी बनाने पर सहमति बन गई है। इसके एलायनमेंट के टेक्निकल फॉल्ट को दूर करने मोर्थ के अधिकारी जल्द भागलपुर आएंगे। 

सुल्तानगंज-कटोरिया-देवघर कांवरिया पथ एनएच 33 के नाम से जाना जाता है। यह पहले स्टेट हाइवे था। करीब 43 किमी लंबी इस पथ से सिर्फ श्रावण मेला में ही नहीं बल्कि आम दिनों में भी गाड़ियों का आवागमन होता है। यहां सुल्तानगंज से नोनसर के बीच तीन कठपुलवा पुल है। कठपुलवा पुल होकर वाहन आरपार होता है। यहां बरसात के दिनों में सुल्तानगंज से देवघर वाया असरगंज का संपर्क भंग होने का खतरा बना रहता है। इसे एनएच का रूप देने के बाद से बिहार-झारखंड का सफर आसान हो जाएगा।

यूपी-बिहार को जोड़ने वाली पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का विस्तार बक्सर से भागलपुर तक करने की योजना भी है। इसके तहत बक्सर से पटना तक आने वाली तमाम कनेक्टिंग एनएच को एक्सप्रेस-वे मानदंड पर बढ़ाया जाएगा। पटना से मोकामा के रास्ते मुंगेर-मिर्जाचौकी फोरलेन से इसे कनेक्ट किया जाएगा। यह पूर्वी बिहार क्षेत्र की सबसे बड़ी परियोजना होगी। क्योंकि पूर्वांचल एक्सप्रेस के रास्ते बिहार होकर यूपी से बंगाल तक बृहद सड़क बनाई जाएगी। यह योजना दो साल पुरानी है। बुद्ध सर्किट से जोड़ते हुए इसे यूपी के वाराणसी के सारनाथ होकर बक्सर और कुशीनगर के कसया होकर गोपालगंज के रास्ते कहलगांव के प्राचीन विक्रमशिला विवि से जोड़ने की योजना बनाई गई थी।

भागलपुर शहरी आबादी को जाम की समस्या से छुड़ाने के लिए रिंग रोड बनाने का प्रस्ताव भी मंत्रालय ने मान लिया है। लेकिन शहरी इलाके का भूगोल रिंग बनने में बाधक है। इसके लिए प्रस्ताव यह है कि बरारी के पास से विक्रमशिला सेतु के एप्रोच रोड को जोड़ते हुए करीब पांच किलोमीटर चंपानाला पुल तक नदी पर फोरलेन पुल बनाने का प्रस्ताव है। ताकि नवगछिया से मुंगेर जाने के लिए शहर होकर गुजरने की बाध्यता ही न रहे। इसके पूर्वी हिस्से का विस्तार भी मौजूदा बायपास के बदले सन्हौला-जगदीशपुर होकर करने की योजना है। एक योजना शहर के बीचोबीच गुजरने वाली सड़क पर फ्लाईओवर बनाकर गुजारने की है।

अभी भागलपुर होकर गुजरते हैं पांच एनएच

अभी शहर में एनएच की लंबाई बमुश्किल 400 किमी है। लेकिन 2025 के बाद यह बढ़कर 800 किमी तक हो जाएगी। बता दें कि भागलपुर जिले में एनएच 31 (खगड़िया-पूर्णिया), एनएच 80 (घोरघट-मिर्जाचौकी), एनएच 333ए (मुंगेर-मिर्जाचौकी), एनएच 106 (बिहपुर-वीरपुर), एनएच-133ई (भागलपुर-हंसडीहा) गुजरती है। समानांतर पुल बनने के बाद नवगछिया एनएच 31 से भागलपुर एनएच 80 को जोड़ने वाली सड़क एनएच 131बी के नाम से जानी जाएगी।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...