सहारा इंडिया के पास देश के लाखों लोगों का पैसा फंसा हुआ है।लोगों ने सोचा था कि यहाँ पैसा इन्वेस्ट करने से आगे की जिंदगी आसान हो जायेगी लेकिन हुआ कुछ उल्टा ही दरअसल सहारा कम्पनी के ऊपर लोगों का आरोप है कि सहारा लोगों का पैसा समय पूरा होने के बाबजूद भी नहीं दे रहा है | अब यह मामला अदालत में चल रहा है। ये मामले पिछले कई वर्षों से लटके हुए हैं और लोगों के फंसे हुए पैसे भी। मगर लोगों की तरफ से कोशिशें की जा रही हैं।
खास बात यह है कि हाल ही में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी का एक बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने बताया कि बाजार नियामक को 81.70 करोड़ रुपये के 19,644 आवेदन प्राप्त हुए हैं। ये मामले 53,642 मूल बांड प्रमाणपत्र या पासबुक से संबंधित हैं। पर अब उम्मीद जताई जा रही है कि लोगों को पैसा जल्दी मिल सकता है।
सरकार ने कुछ समय पहले कहा था कि जिन लोगों के क्लेम बचे हैं उनके आवेदनों के रिकॉर्ड का सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसआईआरसीएल) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल) ने जो दस्तावेज उपलब्ध कराएं हैं, उनमें पता नहीं चल पा रहा है। सहारा ने लोगों के 25,000 करोड़ रु रखने का आरोप है।