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बिहार के लोगों के लिए आज की दिन बहुत बढ़िया है क्योंकि बिहार के राजधानी पटना स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 30 और हाजीपुर स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 19 को जोड़ने वाला गंगा नदी पर बना 5.75 किलोमीटर लंबा महात्मा गांधी सेतु पहले से भी अधिक शक्तिशाली हो गया है। 40 साल पहले बने इस पुल के पुराने 46 पायों पर ही नए सिरे से पुल के पश्चिमी और पूर्वी लेन का निर्माण किया गया है। इस तरह का प्रयोग किसी नदी पर बनने वाले पुल में पहली बार किया गया है। पुल का सुपर स्ट्रक्चर 66360 मीट्रिक जंगरोधी स्टील से तैयार किया गया है।

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नई तकनीक से निर्मित पश्चिमी लेन का लोकार्पण केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जून 2020 में किया था। दो वर्ष बाद एक बार फिर गडकरी नवनिर्मित पूर्वी लेन का लोकार्पण मंगलवार को करेंगे। इसके बाद पश्चिमी और पूर्वी लेन पर 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहनों का परिचालन शुरू हो जाएगा। दो सालों से पश्चिमी लेन पर बढ़ा वाहनों का बोझ कम होगा।

यात्री महज 15 से 20 मिनट में सेतु पार करेंगे। पूर्वी लेन के उद्घाटन को लेकर सोमवार की सुबह से रात तक विभिन्न विभागों के पदाधिकारियों की सेतु पर आवाजाही बनी रही। गायघाट से लेकर हाजीपुर स्थित कार्यक्रम स्थल तक की तैयारियों का अधिकारियों ने जायजा लिया।

विभाग के अधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गांधी सेतु के पाया संख्या 46 के पूर्वी लेन पर लगे शिलापट्ट का लोकार्पण करने के बाद केंद्रीय मंत्री हाजीपुर में होने वाले समारोह में शामिल होंगे। विभागीय अधिकारियों की मानें तो राजधानी पटना को वैशाली से जोड़ने वाले महात्मा गांधी सेतु से हर दिन लगभग 50 हजार छोटी-बड़ी गाड़ियां गुजरती हैं। डेढ़ लाख से अधिक लोग इस पुल के रास्ते सफर करते हैं।

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...