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कोरोना के दूसरी लहर में लोगों को न जाने किस-किस तरह के दिन देखने पड़ रहे हैं। किसी ने कल्पना नहीं की होगी कि 21 सदस्यों का बड़ा परिवार एक साथ कोरोना वायरस का शिकार हो जाएगा। उन्हें ऐसी परेशानी झेलनी पड़ेगी कि परिवार की सबसे बड़ी बुजुर्ग महिला की मौत के बाद उनका श्राद्धकर्म और ब्रह्मभोज भी नहीं हो पाएगा।

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इस तरह की बात किसी ने सपने में भी नहीं सोंची होगी। ऐसा इसलिए हुआ कि एक साथ पूरे परिवार पर कोरोना वायरस ने हमला कर दिया। RTPCR टेस्ट में 10 साल के छोटे बच्चे से लेकर परिवार के बड़े-बुजुर्ग तक, सभी पॉजिटिव निकले।

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परिवार के 21 लोगों की रिपोर्ट देखकर सभी सदस्यों के बीच हड़कंप मच गया था। लेकिन, कहानी यहीं पर खत्म नहीं होती है। निगेटिव दौर में यह मामला परेशान करने वाला जरूर है, पर एक-दूसरे की मेंटली सपोर्ट से निगेटिव होकर सीख देना वाला भी है।

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यह मामला मेडिकल इक्यूपमेंट का कारोबार करने वाले और पटना के रूकनपुरा इलाके में सौभाग्य शर्मा पथ के रहने वाले 38 साल के रवि कुमार सिंह और उनके परिवार का है।

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रवि कुमार सिंह के अनुसार उनकी 85 साल की दादी पार्वती देवी, चाचा, चाचीऔर बेटे-बहु सभी साथ में फुलवारी शरीफ के राष्ट्रीयगंज वाले घर में रह रही थे बात 3 अप्रैल की है। रात में अचानक से दादी की तबियत बिगड़ी। 4 अप्रैल की सुबह में जब रवि मॉर्निंग वॉक पर थे तब उन्हें कॉल आया और दादी की तबियत खराब होने की जानकारी मिली। चंद मिनटों में वो दादी के पास पहुंच गए।

तब तक सब ठीक था, मगर 2-4 घंटे में ही उनकी घर पर ही मौत हो गई। उनके निधन की खबर सुनकर पूरा परिवार जुट गया। साथ में बुआ और उनके दोनों बेटे भी आ गए। रूकनपुरा वाले घर से पापा, मां, पत्नी और बच्चे भी आ गए। लेकिन, उस वक्त तक किसी को यह समझ में नहीं आया था कि दादी के निधन की वजह क्या है? कोरोना होने के बारे में किसी ने सोंचा तक नहीं था।

तब से परिवार के सभी लोग आइसोलेट हैं। पॉजिटिव होने के बाद भी रवि की पत्नी अर्पणा सिंह पूरे परिवार का ख्याल रख रही थीं और खाना खुद से बनाकर सभी को दे रही थीं। मुश्किल के इस घड़ी में कारोबारी रवि ने अपने परिवार का ख्याल रखा।

हर सदस्य ने एक-दूसरे को मेंटली सपोर्ट किया। मेडिकल फिल्ड से जुड़े होने की वजह से कई डॉक्टर का साथ मिला। इस कारण रवि और उनका पूरा परिवार अब कोरोना पॉजिटिव नहीं, बल्कि निगेटिव हो गया है। 

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...