दोस्तों सहारा को भारत भर के लोगों ने इसे अपना भविष्य का सहारा माना था कि आज इन्वेस्ट करेंगे तो आने वाले दिनों में पैसो की दिक्कत नहीं होगी लेकिन हो रहा दरअसल कुछ उल्टा ही वहीँ आपको बता दूँ कि सहारा कम्पनी के ऊपर उनके ग्राहकों का आरोप है |
कि समय पूरा होने के बाबजूद भी सहारा पैसा नहीं दे रहा अब यह मामला पटना हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीमकोर्ट के पास भी पंहुच गया है | इसको लेकर जगह-जगह पर सहारा का विरोध हो रहा है अब यह मामला साधारण नहीं रहा बल्कि हाईकोर्ट के पास पंहुच गया | आईये जानते है हाई कोर्ट ने निवेशकों को लेकर क्या बात कहा है….
कोर्ट ने निवेशकों को दिया ये सन्देश :
बहुत लम्बे समय से अपने पैसे का इंतजार कर रहे सहारा इंडिया के निवेशकों के लिए हाई कोर्ट ने एक अच्छी खबर दी है जी हाँ दोस्तों! आपको बता दे कि पटना हाईकोर्ट ने इस सन्दर्भ में अपना एक बयान दिया है | दरअसल हाई कोर्ट ने कहा है कि सहारा इंडिया में जितने भी लोग निवेश किये है |
उनको जल्द से जल्द सहारा पैसा दे बिहार जैसे गरीब राज्य के जनता को सहारा पैसा न खान एकी कोशिश करे | वहीँ कोर्ट ने यह आदेश दिया है कि अलग-अलग स्कीमों में पैसा निवेश किये ग्राहकों को जल्द से जल्द पैसा लौटाने की प्रक्रिया को शुरू किया जाए | वहीँ अगली तारीख इस मामला पर 20 अप्रैल को होनी है |
कोर्ट के इसी आदेश के बाद सहकारिता मंत्रालय ने निर्देश जारी करके कहा है कि सहारा इंडिया को ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, लखनऊ सहारयन यूनिवर्सल मल्टीपर्पस सोसाइटी लिमिटेड, भोपाल और हमारा इंडिया क्रेडिट को ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, कोलकाता पर लोगो से किसी भी तरह का पैसा जमा कराने पर रोक लगा दी है. सहकारिता मंत्रालय ने 22 मार्च के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए इन सभी सोसाइटी से जनता से किसी भी तरह का पैसा लेने पर अब प्रतिबन्ध लगा दिया गया है.
हालांकि सहारा और उसकी दलीले आज कोई नई नहीं है, सहारा समूह ने अक्टूबर 2020 में कहा था कि वह 75 दिनों के भीतर उसकी चार कंपनियों से जुड़े लोगो के पैसे को वापस कर देगी. गौर करने वाली बात यह है कि 10 लाख से अधिक लोगो ने इन स्कीमो 3226 करोड़ रूपए जमा किऐ थे. सहारा ने उस वक्त ही कहा था कि भुगतान में देरी पिछले 8 साल से कंपनियों पर लगे प्रतिबन्ध के चलते हुई है.