महंगाई की वजह से पूरा देश परेशान है खास कर तेलों के भाव चाहे पेट्रोल-डीजल हो या खाने के कच्चे तेल पिछले कई महीनों के बाद देश के घरेलू बाजार (Domestic Market) में अब सरसों (Mustard Oils), मूंगफली (Groundnut), सोयाबीन और पामोलीन सहित सभी खाने वाले तेलों की कीमतों में गिरावट (Edible oils prices Down) देखने को मिल रही है. हालांकि, विदेशी बाजारों में अभी भी तेल की कीमतों में कमी नहीं आई है |
लोकल बजारों में सोयाबीन, सरसों, पामोलीन और मूंगफली समेत कई खाने वाले तेलों के दामों में 7 से 10 रुपये प्रति लीटर की गिरावट आई है. जानकारों की मानें तो ये गिरावट इंडोनेशिया द्वारा निर्यात खोले जाने के बाद आई है. सोयाबीन और पामोलीन तेलों के दाम में तकरीबन 100 डॉलर की कमी आई है. हालांकि, विदेशों में अभी भी सूरजमुखी तेल की कीमत में कुछ गिरावट नहीं देखने को मिली है |
वहीँ भारत के घरेलू बाजारों में इन दिनों महंगाई से आम लोगों के घरों का बजट बिगड़ गया है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगातार कच्चे तेल, गैस और दूसरी कमोडिटीज की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है. लेकिन, बढ़ती महंगाई के बीच मोदी सरकार ने एक राहत की खबर दी है. पिछले दिनों ही इंडोनेशिया की सरकार ने पॉम ऑयल के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को 23 मई से हटाने का ऐलान किया था.
यूपी के कई शहरों में सरसों तेल की कीमत कम चल रही है. पिछले महीने के आखिरी सप्ताह में प्रयागराज में सरसों तेल की कीमत 180 रुपये प्रति लीटर दर्ज की गई थी. वहीं, मुजफ्फरनगर, शामली, फिरोजाबाद, मैनपुरी में भी तकरीबन इसी भाव पर खाने के तेल मिल रहे थे.
इस समय देश के घरेलू बाजारों में सरसों तेल की कीमत उच्चतम स्तर से तकरीबन 45 से 50 रुपये प्रति लीटर कम है. इस हिसाब से अगर आप महीने में 10 लीटर तेल की खरीदारी करते हैं तो आप 450-500 रुपये तक आसानी से बचा सकते हैं. बड़े राज्य जैसे, यूपी बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान में सरसों तेल की कीमत 170 रुपये प्रति लीटर के नीचे है.