पंचायती राज विभाग ने कहा है कि नल-जल योजना का कार्य पूरा नहीं करने वाले
जन प्रतिनिधि पंचायत चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। विभाग इसकी जानकारी प्राप्त कर रहा है
कि किन ग्राम पंचायतों-वार्डों में मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना पूरी नहीं हुई है।
विभाग ने कहा है कि पंचायती राज अधिनियम में यह प्रावधान है
कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों द्वारा दायित्वों का निर्वहन में जान बूझकर कोताही बरतना, पद से हटाये जाने का आधार है।
इसी को आधार बनाते हुए नल-जल योजना पूरा नहीं करने वालों को अगले चुनाव में अयोग्य घोषित करने का प्रस्ताव विभाग तैयार कर रहा है।
मालूम हो कि नल-जल योजना का क्रियान्वयन ग्राम पंचायतों के नेतृत्व में वार्ड प्रबंधन एवं क्रियान्वयन समिति द्वारा किया जाता है।
इसका रख-रखाव भी इन्हीं संस्थाओं को करना है।
अत: जिन पंचायतों में कार्य अपूर्ण है, उन पंचायतों के जन प्रतिनिधियों को आगामी चुनाव में भाग लेने में कठिनाई हो सकती है।
इसको लेकर विभाग ने सभी जिलों के पंचायती राज पदाधिकारियों को निर्देश दिया है
कि वे सभी जन प्रतिनिधियों को इस संबंध में सूचना अनिवार्य रूप से दे दें।
जनप्रतिनिधि युद्ध स्तर पर बचे हुए कार्य को पूरा करें, ताकि उनके सामने चुनाव लड़ने को लेकर असहज स्थिति उत्पन्न नहीं हो।
मधुबनी में कार्रवाई का निर्देश
पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने मधुबनी के जिलाधिकारी को निर्देश दिया है कि
वहां 675 वार्डों में अब भी नल-जल योजना का कार्य अपूर्ण है। वहां अभी भी संतोषजनक सुधार नहीं हो रहा है।
कई मामलों में संवेदक और वार्ड सदस्यों की मिली भगत से राशि गबन कर ली गयी है।
इसको लेकर जिन मामलों में प्राथमिकी दर्ज हुई है, उन सभी में अभियुक्तों की गिरफ्तारी सुनिश्चत करें।
जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित कर योजना की समीक्षा कर, शीघ्र पूरा कराएं।
जो मुखिया अपने दायित्वों के निर्वहन में चूक कर रहे हैं, उनके विरुद्ध कार्रवाई अविलंब शुरू करें, ताकि वे अगले चुनाव में भाग नहीं ले सकें।
Source:- hindustan