अच्छी खबर बिहारवासी के लिए दरअसल इंडो-नेपाल बॉर्डर सड़क को राज्य में करीब 552 किमी लंबाई में फोरलेन बनाने के लिए बिहार सरकार की तरफ से केंद्र सरकार से आग्रह किया गया है. फिलहाल इस सड़क का दो लेन में निर्माण हो रहा है. इसे लेकर बिहार सरकार के वर्तमान पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने शुक्रवार को भारत के वर्तमान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. साथ ही फोरलेन सड़क निर्माण के लिए आग्रह किया |
वहीँ बता दे कि बिहार में यह सड़क पश्चिम चंपारण के मदनपुर, पूर्वी चंपारण के रक्सौल, सीतामढ़ी के बैरगनिया, मधुबनी जिले के जयनगर, सोनवर्षा होते हुए, सुपौल के बीरपुर, अररिया से शुरू होकर किशनगंज के गलगलिया तक जाएगी। शुक्रवार को सड़क निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उनसे सड़क की चौड़ाई 2 लेन (7 मीटर) से बढ़ाकर 4 लेन (14 मीटर) करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने इस परियोजना के लिए औसतन 30 मीटर चौड़ी जमीन का अधिग्रहण किया गया है |
393 किमी में किया जा चुका है मिट्टी का कार्य :
जानकारी के मुताबिक बिहार के बेतिया में यूपी बॉर्डर से शुरू होकर किशनगंज में पश्चिम बंगाल बॉर्डर तक जाने वाली यह सामरिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण सड़क है. सीमा पर चौकसी बढ़ाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय इंडो-नेपाल बॉर्डर रोड का निर्माण करवा रहा है. राज्य में करीब 552 किमी लंबाई में से करीब 184 किमी पथांश में बिटुमिनस का काम हो चुका है और 393 किमी में मिट्टी का कार्य किया जा चुका है.
फोरलेन करने का किया गया अनुरोध :
बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नबीन ने केंद्रीय गृह मंत्री से अनुरोध किया कि सड़क की चौड़ाई को सात मीटर से बढ़ा कर फोरलेन किया जाये. नितिन नवीन ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा औसतन 30 मी चौड़ाई में भू-अर्जन किया गया है. इस सड़क के लिए राज्य सरकार ने अपने संसाधन से 2278 करोड़ रुपये की लागत से भू-अर्जन किया है. 121 पुलों के निर्माण में 1000 करोड़ का खर्च राज्य सरकार अपने संसाधन से कर रही है. इस परियोजना के लिए शुरुआत में केंद्र ने 1656 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति दी थी, उसे बढ़ा कर 2428 करोड़ रुपये कर दिया गया है.