बिहार के लोगों के लिए गुड न्यूज़ है जी हाँ दोस्तों! आपको बता दे कि बिहार के सहरसा-सुपौल रेलखंड पर बहुत जल्द रेलगाड़ी दौड़ने वाली है | उम्मीद है कि अगले एक से डेढ़ महीने में सहरसा-सुपौल रेलखंड पर ट्रेन की स्पीड बढ़ जाय। आपको बता दे कि ट्रेन के स्पीड बढ़ने के साथ ही अभी के समय में यात्री को बिलकुल आधा समय लगेगा मतलब लोगों को आधा-आधी समय की बचत होगी |
अगर हम फिलहाल की बात करें तो वर्तमान में सहरसा से गढ़ बरुआरी तक 70 और उससे आगे सुपौल तक 75 किमी प्रति घंटे की स्पीड से पैसेंजर ट्रेन चलती है। इस स्पीड में पैसेंजर ट्रेन को सहरसा से सुपौल पहुंचने में एक घंटे दस मिनट लग जाता है। रेल सूत्रों की माने तो स्पीड बढ़कर सौ हो जाने के बाद पैसेंजर ट्रेन मात्र 30 से 35 मिनट में सहरसा से सुपौल की दूरी तय करेगी। उतना ही समय सुपौल से सहरसा आने में ट्रेन को लगेगा।
इन लोगों को होगा अधिक फायदा :
ऐसे में सफर करने वाले यात्रियों के समय बचेंगे। खासकर दैनिक, नौकरीपेशा और कारोबार यात्रियों को फायदा होगा। कम समय में आवाजाही की सुविधा वे उठा पाएंगे। बता दें कि बीते शुक्रवार को सहरसा से सुपौल तक इंजन से स्पीड ट्रायल किया गया जो सफल रहा। समस्तीपुर मंडल के डीआरएम आलोक अग्रवाल, सीनियर डीईएन कोर्डिनेशन आर एन झा और सीनियर डीईएन थ्री मयंक अग्रवाल के निर्देश पर सहरसा-सुपौल रेलखंड पर ट्रेन की स्पीड बढ़ाने को लेकर कवायद तेज है।
110 किलोमीटर प्रतिघंटा के स्पीड से दौड़ेगी ट्रेन मात्र 16 मिनट में सुपौल से सहरसा की 28 किलोमीटर की सफ़र होगी पूरी | सहरसा से राघोपुर तक लूप लाइन की स्पीड बढ़कर हुई दोगुनी सहरसा से राघोपुर तक लूप लाइन में ट्रेनों की स्पीड बढ़कर दोगुनी हो गई है। लूप लाइन में 15 की स्पीड से चलने वाली ट्रेन की स्पीड बढ़कर 30 किमी प्रति घंटे हो गई है। 62 किलोमीटर वाले सहरसा-राघोपुर रेलखंड पर स्पीड बढ़ने का फायदा यह हुआ है कि छह रेलवे स्टेशनों पर हर ट्रेन ढाई से तीन मिनट पहले पहुंचने लगी है।