दोस्तों पुरे बिहार का पहला तारामंडल राजधानी पटना में स्थित है जहाँ दूर-दूर से पर्यटक उसे देखने आते है | अब उसू के तर्ज़ पर बिहार का दूसरा तारामंडल भी मिथिला नगरी दरभंगा में बन रहा है | लगभग बनकर तैयार है काम अंतिम चरण में चल रहा है | इंजीनियरों की मानें तो इसके निर्माण का 80 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया है और मई से जून तक बचा हुआ काम भी पूरा कर लिया जाएगा। उम्मीद है कि इसमें अगले महीने से दर्शकों को एंट्री मिलने लगेगी |

कितना बड़ा क्षेत्र में हो रहा है निर्माण :
बता दे कि इसका निर्माण करीब 8 एकड़ की रकबे पर दरभंगा पॉलिटेक्निक कॉलेज की जमीन पर हो रहा है। वहीँ अगर हम इसकी शुरुआत की बात करें तो इसका काम शुरू आज से तीन साल पहले 2019 में ही किया गया था | इसका निर्माण दो साल में ही यानि साल 2021 में ही होना था लेकिन महामारी के वजह से इसमें देरी हो गई | अब उम्मीद है मई लास्ट या जून के पहले हफ्ते से दर्शक की एंट्री होने लगेगी |
वहीं अगर हम इसकी खासियत की बात करें तो इस तारामंडल में डेढ़ सौ सीटों के प्लैनेटेरियम और 300 सीटों के ऑडिटोरियम का निर्माण हो रहा है। तारामंडल का निर्माण कर रहे इंजीनियर अब्दुल बारी ने कहा कि यह बिहार का अब तक का सबसे आधुनिक तारामंडल होगा। 73 करोड़ 73 लाख 60 हजार 360 रुपये की लागत से इसका निर्माण किया जा रहा है |
तारामंडल के बन जाने के बाद भी आसपास के इलाके में रोजगार के कई नए साधन उभर कर आएंगे। इसके बन जाने से न सिर्फ उत्तर बिहार बल्कि पड़ोसी देश नेपाल के सीमावर्ती जिलों के छात्र-छात्राएं भी ग्रहों और तारों की दुनिया की सैर कर सकेंगे। साथ ही यहां कई तरह के खगोलीय रिसर्च भी होंगे। इसके छत के ऊपर खूबसूरत रूफ गार्डनिंग लगाई जा रही है, जहां लोग खुद को प्रकृति के नजदीक महसूस करेंगे।
बिहार सरकार के वर्तमान मंत्री संजय झा ने इस बात पर ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि बिहार में लगातार विकास के काम हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने छात्रों के लिए बहुत सारे कार्य किये इसी तरह ये तारामंडल भी दरभंगा के लिए बड़ी उपलब्धि है। आने वाले समय में ये वरदान साबित होगा। दरभंगा के नगर विधायक संजय सरावगी ने भी बताया कि दरभंगा का तारामण्ड न सिर्फ पटना के तारामंडल से ज्यादा बड़ा होगा बल्कि सबसे आधुनिक भी होगा।
