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दोस्तों इन्टरनेट का जमाना है आये दिन कुछ न कुछ मामला सोशल मीडिया के जरिये निकलता रहता है ऐसे ही कुछ मामला अभी देश के सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश से आ रही है | उत्तर प्रदेश में एक जगह है बन्दायु वहां की यह मामला है मामला आधार कार्ड से जुड़ा है | आधार कार्ड पर अंकित नाम की वजह से लड़की को सरकारी स्कूल में एडमिशन लेने से शिक्षक ने मना कर दिया | दरअसल बात यह है कि जिस बच्ची का एडमिशन होना था उसके आधार कार्ड पर नाम लिखा है “मधु का पांचवा बच्चा” इसी नाम के वजह से स्कूल के शिक्षक ने एडमिशन लेने से मना कर दिया है |

यह बात अभी तक क्लियर नहीं हो पाया है कि आधार कार्ड पर अंकित नाम किसने लिखा है माता-पिता ने लिखवाया है या आधार कार्ड बनाने वाले की और से गलती है | यह घटना उत्तर प्रदेश के दरअसल, प्रदेश के बदायूं के तहसील क्षेत्र बिल्सी तहसील क्षेत्र के गांव रायपुर का रहने वाले दिनेश के 5 बच्चे हैं। उनके तीन बच्चे गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में पढ़ते हैं। और आपको बता दे कि दिनेश के चौथी पुत्री जिसका नाम आधार कार्ड पर “मधु का पांचवा बच्चा” है उसका रियल नाम आरती कुमारी है |

Aadhaar card par bacche ka naam likha tha madhu ka panchva baccha 02

जब आरती अपने पिता के साथ गाँव के ही प्राथमिक विद्यालय में एडमिशन कराने पंहुची तो वहां उपस्थित शिक्षक ने आधार कार्ड की मांग की शिक्षक जैसे ही आधार कार्ड पर अंकित नाम देखा उसकाभी होश उड़ गया | फिर उसके बाद शिक्षक ने एडमिशन लेने से मना कर दिया और आधार कार्ड में नाम ठीक करवाने की सलाह दिया | और इतना ही नहीं आरती के उस आधार कार्ड में आधार नंबर भी नहीं था | ये बात सोशल मीडिया पर आग की तरह चारो तरफ पिछले कुछ दिनों से फैला हुआ है |

Aadhaar card par bacche ka naam likha tha madhu ka panchva baccha 01

इसको लेकर आरती के पिता ने वहां के स्थानीय जिला मजिस्ट्रेट दीपा रंजन से भी बात की फिर दीपा रंजन ने इस बात का जवाब देते हुए खा कि आधार कार्ड मूल रूप से पोस्ट ऑफिस और बैंक में बनाया जाता है | यह छोटी मोती गलती नहीं है यह बड़ी गलती है | इस पर हम अधिकारी से बात करते है और इस बात को लेकर सभी को अलर्ट भी करते है कि यह गलती आगे से नहीं हो किसी दुसरे लोग के साथ साथ ही उस पर कार्यवाही भी की जायेगी जिसने ऐसा किया है |

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...