बिहार के लोगों के लिए अच्छी खबर है जी हाँ दोस्तों आपको बता दे कि बिहार झारखंड से सटा एक राज्य है वही बिहार से सटे झारखंड में प्राकृतिक उपहार के तौर पर झारखंड को कोयला सहित कई बड़े खाद्यान्न भी मिले हैं। वही बिहार झारखंड से सटे बिहार के कुछ हिस्से को भी प्राकृतिक के तरफ से बहुत ही बेशकीमती उपहार मिला है, जहां पर आपको कोयला सहित कई खजाने मिलेंगे। इसी कड़ी में बिहारवासी को भी एक खुशखबरी है खुशखबरी यह है कि बिहार के भागलपुर जिले में कोयला का एक बहुत बड़ा खजाना मिला है |
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बिहार के भागलपुर में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के अनुसार बताया गया है, कि भागलपुर के कहलगांव में कोयला भंडार मिला है। बताया जा रहा है कि कहलगांव के माधवरामपुर मौजी स्थित करीब 261 एकड़ जमीन के नीचे कोयला का विशाल भंडार पाया गया है।
चार साल बाद शुरू की जायेगी खनन की प्रक्रिया
वहीँ इन इलाके में बीते साल भी कोयला का खादान भी अलग-अलग जगहों पर मिला था | 2018 में प्रीपैथी के लक्ष्मीपुर गोविंदपुर हीरानंद सहित कई गांवों में कोयला के भंडार पाए गए थे और यहां पर 2026 तक खनन की प्रक्रिया प्रारंभ की जा सकती है।
20 मार्च 2018 को टीम ने बीसीसीएल धनबाद और सीएमपीडीआई की टीम को रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार ने बिहार सरकार को इन इलाकों के भू-अर्जन के निर्देश दिए। पीरपैंती में 2026 से खनन शुरू होने की संभावना जतायी जा रही है। 2018 में पीरपैंती के लक्ष्मीपुर, गोविंदपुर, चौधरीबसंत, हीरानंद बंसीचक नौवाटोली, शेरमारी शादीपुर, रिफातपुर, जगदीशपुर, सीमानपुर, पसाहीचक, महादेव टिकर, प्यालापुर, गोकुल मथुरा, सगुनी, रोशनपुर, महतोटोला रिफातपुर, बदलूगंज, बाबूपुर, पचरुखी, बारा, इसीपुर, हरदेवचक, दौलतपुर, कमलचक, मिर्जागांव सोनरचक, राजगंज, काजीबाड़ा, बसबिट्टा और बल्ली टीकर गांव में कोयला की संभावना जताई गई थी।