कोरोना मरीजों के लिए ऑक्सीजन सप्लाई के सरकारी दावों के बीच पटना के 14 निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन का बैकअप खत्म हो गया है. लाचार अस्पताल प्रबंधन मरीजों को जबरन डिस्चार्ज करने लगे हैं. सरकार के रवैये से नाराज इंडियन मेडिकल एसोसियेशन यानि IMA ने सरकार को चेताया है कि अगर यही हाल रहा तो मौत का तांडव होगा. IMA कह रहा है कि प्रशासन की लापरवाही औऱ मनमानी के कारण ऑक्सीजन के अभाव में लोग मर रहे हैं. 

14 हॉस्पीटलों में ऑक्सीजन का बैकअप खत्म
राजधानी पटना के 14 निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन का बैकअप खत्म हो गया है. पल्स हॉस्पीटल, समय हॉस्पीटल जैसे निजी अस्पतालों ने कोरोना मरीजों के परिजनों को कह दिया है कि वे अपने पेशेंट को अस्पताल से ले जायें.

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अस्पताल प्रबंधन बहुत कोशिश करके भी ऑक्सीजन का इंतजाम नहीं कर पाया है. ऐसे में उनके पास मरीजों को डिस्चार्ज करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है. 

आईएमए ने कहा-मौत का तांडव होगा
उधर पटना में ऑक्सीजन की भारी कमी से त्राहिमाम की स्थिति के बाद आईएमए ने बिहार के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सहजानंद समेत दूसरे पदाधिकारियों ने अपने पत्र में कहा है कि ऑक्सीजन की कमी के कारण ज्यादातर प्राइवेट हॉस्पीटल के बंद होने की नौबत आ गयी है. अगर प्राइवेट हॉस्पीटल बंद हो गये तो फिर मौत का तांडव होगा. 

90 प्राइवेट अस्पताल बंद होने के कगार पर
आईएमए के मुताबिक पटना के जिलाधिकारी ने कहा है कि जिला प्रशासन ने अब तक जिन अस्पतालों को कोविड के इलाज की मंजूरी दी है सिर्फ उन्हें ही ऑक्सीजन दी जायेगी. बाकी दूसरे अस्पतालों को न कोविड के इलाज की मंजूरी मिलेगी और ना ऑक्सीजन दिया जायेगा.

उधर जिन अस्पतालों को कोविड के इलाज की मंजूरी दी गयी है उन्हें भी ऑक्सीजन नहीं दिया जा रहा है. दूसरे अस्पतालों में भर्ती नन कोविड मरीजों को भी ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है. ये हालत रही तो पटना में कोविड का इलाज कर रहे 90 निजी अस्पतालों के साथ साथ दूसरे अस्पताल भी बंद हो जायेंगे. फिर मौत का जो तांडव होगा उसे रोक पाना मुश्किल होगा. की है।

IMA कह रहा है कि किसे कितना ऑक्सीजन की जरूरत है ये डॉक्टर तय कर सकते हैं ना कि जिला प्रशासन. लेकिन जिला प्रशासन तय कर रहा है कि कितना ऑक्सीजन किसे मिलना चाहिये. उधर धड़ल्ले से ऑक्सीजन की कालाबाजारी हो रही है. प्रशासन को अपना ध्यान कालाबाजारी रोकने पर लगाना चाहिये. लेकिन पूरा सिस्टम फेल होने की कगार पर है.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...