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देश में महंगाई चरम सीमा पर है | इसी बीच खाने के तेल की कीमतों (Edible Oil Price) के मोर्चे पर जल्द राहत मिलने वाली है. उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Solvent Extractors Association of India-SEA) ने उपभोक्ताओं (Consumers) को राहत देने के लिए अपने सदस्यों से तत्काल प्रभाव से खाद्य तेल के अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) में 3-5 रुपये यानी 3000 से 5000 रुपये प्रति टन की कटौती करने की अपील की है. बता दे की वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से घरेलू खाद्य तेल की कीमतों में कमी का कोई संकेत नहीं आने की बात कहते हुए संगठन ने यह अपील की |

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बताया जा रहा है की यह दूसरा मौका है, जब उद्योग निकाय एसईए ने अपने सदस्यों से एमआरपी में कटौती करने का अनुरोध किया है. पिछली बार इसने अपने सदस्यों को नवंबर 2021 में दिवाली के आसपास खाद्य तेलों के एमआरपी में 3-5 रुपये प्रति किलोग्राम की कमी करने के लिए कहा था |

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60 फीसदी से ज्यादा तेल आयात करता है भारत :

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आपको बता दे की भारत अपने खाद्य तेलों की 60 फीसदी से अधिक जरूरतों के लिए खाद्य तेल का आयात करता है. भारत ने खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों पर अंकुश रखने के लिए पिछले कुछ महीनों में पाम तेल पर आयात शुल्क घटाने और स्टॉक सीमा लागू करने जैसे विभिन्न कदम उठाए हैं. सरकार के इन सक्रिय प्रयासों के बावजूद अखिल भारतीय औसत खुदरा कीमतें एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में अधिक बनी हुई हैं |

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आसमान छू रहीं वैश्विक कीमतें :

वही इसमें सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया का कहना है कि इन कीमतों में नरमी के कोई तत्काल संकेत नहीं दिख रहे हैं. इंडोनेशिया जैसे कुछ निर्यातक देशों ने भी लाइसेंस के जरिये पाम तेल के निर्यात पर नियंत्रण शुरू कर दिया है. वैश्विक खाद्य तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं और यह आयातित महंगाई न केवल सभी अंशधारकों बल्कि भारतीय उपभोक्ताओं को भी परेशान कर रही है |

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...