बिहार में आये दिन अक्सर आपको सड़क दुर्घटनाओ के बारे में सुनने को मिलता होगा | इसकी सबसे बड़ी वजह है की बिहार में सड़क सही नहीं है जी हाँ दोस्तों दुसरे राज्य की अपेक्षा बिहार में अधिक सड़क दुर्घटना होती है | एक आंकड़े के अनुसार एक साल में राज्य में एनएच पर 3285 दुर्घटनाएं हुईं। यह कुल हादसों का 59 प्रतिशत है। इसमें से 2517 मौतें यानी 77 फीसद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अधीन वाले एनएच पर हुई।
वहीं पथ निर्माण विभाग के अधीन नेशनल हाईवे पर केवल 768 मौतें हुई जो 23 प्रतिशत है। ये बातें विभागीय आडिट में सामने आई है। हालांकि अभी तक कार्य पूरा नहीं हुआ है। लेकिन अब तक की आडिट में एनएच 31 सबसे खतरनाक पाया गया है।
इन पांच खतरनाक NH को किया गया है चिन्हित
सड़क दुर्घटना के लिहाज से राज्य के पांच सबसे खतरनाक एनएच की पहचान की गई है, जिन पर आधे से अधिक हादसे हुए हैं। सबसे खतरनाक एनएच 31 है। नवादा, बिहारशरीफ, पटना, बेगूसराय, खगड़िया, पूर्णिया व किशनगंज से होकर गुजरने वाली एनएच-31 पर 644 दुर्घटनाएं हुईं। इसमें 520 लोगों की मौत हो गई। बेगूसराय, मुजफ्फरपुर व गोपालगंज से होकर गुजरने वाले एनएच-28 पर कुल 515 हादसे हुए जिसमें 443 की मौत हुई।
हादसे के मामले में एनएच 30 तीसरे पायदान पर है। पटना व भोजपुर से होकर गुजरने वाली इस एनएच पर 378 हादसे हुए इनमें से 279 की मौत हुई। चौथे पर एनएच 57 है। मुजफ्फरपुर, दरभंगा, अररिया व पूर्णिया से होकर गुजरने वाले इस एनएच पर 376 सड़क हादसे हुए जिसमें से 331 की मौत हो गई। कैमूर, सासाराम व औरंगाबाद से होकर गुजरने वाला एनएच-2 पांचवे स्थान पर है। यहां 356 सड़क हादसे हुए, जिनमें से 295 की मौत हो गयी।