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अब काश्मीरी नहीं खाने को मिलेगा बिहारी सेब जी हाँ बिहार के इन 7 जिलों में होगी सेब की खेती सरकार करेगी मदद

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जैसा की अभी हम सब को पता है समान्य तौर पर सेब की खेती को जम्मू काश्मीर या हिमाचल प्रदेश जैसे ठंडे प्रदेशों में किया जाता है | लेकिन अब बिहार में भी सेब की खेती की जायेगी | उसमे बिहार के किसानो को सरकार के द्वारा मदद भी की जायेगी | और बता दे की बिहार के वैसे किसान जो सेब की खेती करने के लिए इच्छुक है | उन सबको सरकार के द्वारा एक अच्छी ट्रेनिग भी दी जायेगी। सेब की खेती करने से किसानों की आय बढेगा।

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बिहार में सेब की खेती की संभावना को देखते हुए कृषि विभाग ने इस साल पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर बिहार के 7 जिलों में सेब की खेती की योजना शुरू की है। विशेष उद्यानिक फसल योजना के तहत 10 हेक्टेयर में सेब की खेती कराने का लक्ष्य रखा है। वैशाली, बेगूसराय और भागलपुर में 2-2 हेक्टेयर जबकि मुजफ्फरपुर, औरंगाबाद, वैशाली, कटिहार और समस्तीपुर में एक-एक हेक्टेयर में खेती के लिए किसानों से 15 जनवरी तक आवेदन मांगा गया है। सेब की खेती की लागत इकाई प्रति हेक्टेयर 2 लाख 46 हजार 250 रुपए हैं।

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8 घंटे धूप जरूरी :

बताया जा रहा है की यहां के मौसम के अनुसार इन वेराइटी में बेहतर फल के लिए 8 घंटे धूप जरूरी हैं। इससे फल का रंग भी बेहतर होता है और बीमारी से भी बचाव। विशेषज्ञ बताते हैं कि सेब के पौधे को फंगस से बचाना है। स्वाद के मामले में हरा पीला कलर वाले हरिमन 99 खट्टा मीठा स्वादिष्ट होता है।

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बिहार जैसे प्रदेशों के लिए हरिमन 99 सहित 5 वेराइटी उपयुक्त :

आपको बता दे की सेब की खेती जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी व ठंडे प्रदेशों में अधिक होती है। लेकिन हरिमन 99, एना, डोरसेट गोल्डन, माइकल और ट्रिपिकल स्वीट्स जैसी वेराइटी 40 से 50 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान सह कर फल देता है।

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15 नवंबर से 15 फरवरी पौधे लगाने का उपयुक्त समय है। पौधे लगने के दो वर्ष बाद इसमें फूल आते हैं। दिसंबर और जनवरी में फूल लगते हैं और मई व जून में फल तैयार हो जाते हैं। 5 साल बाद सेब के पेड़ में अधिक फल आते हैं। मई और जून में फल बाजार में इसकी कीमत 200 रुपए प्रति किलो तक मिलेगी।

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस वैशाली के देसरी में सेब की खेती के लिए उत्सुक किसानों को दिलाएगा प्रशिक्षण :

जानकारी के लिए बता दू की बिहार में सेब की खेती के लिए चयनित किसानों को वैशाली के देसरी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। किसानों को हिमाचलप्रदेश से हरिमन 99 वेराइटी का पौधा दिलाया जाएगा। प्रशिक्षण सहित एक पौधे की लागत लगभग 200 रुपए होंगे। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के सहायक निदेशक उद्यान प्रशांत झा ने बताया कि हिमाचल से पौधे मंगाए गए हैं। हिमाचल प्रदेश से ही किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए विशेषज्ञ भी आएंगे।

15 जनवरी तक कर सकते हैं आवेदन :

अगर आप बिहार से है और सेब की खेती करने में रूचि रखते है तो आप भी 15 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन horticulture.bihar.gov.in पर किया जा सकता है। इससे संबंधित विशेष जानकारी जिला के सहायक निदेशक उद्यान से से भी ले सकते है |

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