बिहार : मिथिलांचल की हृदयस्थली माने जाने वाले उत्तर बिहार के प्रमुख शहर दरभंगा से सीमांचल इलाके से सटे निर्मली तक ट्रेन चलने का सपना नए साल में पूरा हो सकता है. बता दे की बीते दिनों निर्मली-आसनपुर-कुपहा के बीच रेलवे ने सीआरएस परीक्षण कराया, जिसके बाद इस पूरे इलाके के करोड़ों लोगों को यकीन हो गया है कि जल्द ही इस रूट पर ट्रेनों का परिचालन शुरू हो सकता है |
जानकारी के अनुसार साल 1934 के भूकंप में कोसी नदी पर बने पुल के क्षतिग्रस्त होने के बाद इस रूट पर रेल परिचालन ठप है. लिहाजा तकरीबन 9 दशकों के बाद ट्रेन चलने का सपना यहां के लोग संजोए हुए हैं. हाल के वर्षों में कोसी रेल महासेतु के तैयार हो जाने और सहरसा से दरभंगा तक का सफर आसान होने की उम्मीद बढ़ती जा रही है |
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दरभंगा से निर्मली तक छोटी लाइन की ट्रेनों का संचालन पिछले कई साल से बंद है. पिछले साल इस रूट पर दरभंगा से झंझारपुर तक ट्रेन का परिचालन शुरू हुआ. झंझारपुर से निर्मली तक ब्रॉड गेज बिछाने का काम लगभग पूरा हो चुका है. इस रूट पर कई स्टेशनों के बीच सीआरएस परीक्षण का काम अगले कुछ महीनों में पूरा होने की संभावना है. इसके बाद झंझारपुर से निर्मली तक ट्रेन शुरू की जा सकती है. अभी लोगों को दरभंगा से निर्मली जाने के लिए बस या प्राइवेट वाहन का सहारा लेना पड़ता है |
अभी कहां से कहां तक चल रही ट्रेन :
चलते-चलते बता दे की बिहार के दरभंगा से सहरसा के बीच अभी सहरसा से कुपहा और दरभंगा से झंझारपुर तक ट्रेनें चलाई जा रही हैं. इन दोनों ही रूटों पर ट्रेनों की संख्या बहुत कम है, जिसके कारण आम लोग इसका समुचित लाभ नहीं उठा पाते हैं. ऐसे में लोगों को दरभंगा से निर्मली और उसके आगे सहरसा तक ट्रेन संचालन का बेसब्री से इंतजार है. गौरतलब है कि अभी दरभंगा से सहरसा तक वाया समस्तीपुर होकर ट्रेन चलाई जा रही है. इसकी दूरी करीब 200 से 250 किलोमीटर से ज्यादा होती है. निर्मली और उसके आगे तक ट्रेन चलने से इस रूट की न सिर्फ दूरी कम हो जाएगी, बल्कि लोगों का समय भी बचेगा |