Site icon First Bharatiya

42 वर्षीय सुनीता आर 18 वॉलंटियर्स ड्राइवर के बीच चुनी गई एकमात्र महिला ड्राइवर

aeb6d8f9 6e8b 42c5 9a6f 578c52bacb255 16

कर्नाटक में ऑटोरिक्शा एंबुलेंस के लिए 18 वॉलंटियर्स ड्राइवर का चयन किया गया। इसमें से सुनीता आर एकमात्र महिला हैं जिनका चयन ऑटोरिक्शा एंबुलेंस के लिए हुआ है। सुनीता के अनुसार, ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने महामारी के बीच अपनी जान दांव पर लगाकर दूसरों की मदद की है। मैंने कोरोना पेशेंट की मदद के लिए ऑटोरिक्शा एंबुलेंस ड्राइवर बनना तय किया। इस एंबुलेंस में मेडिकल केयर से जुड़े सभी इक्विपमेंट और ऑक्सीजन की सुविधा है।

Also read: रिक्शा चलाकर-दूध बेचकर खूब संघर्ष करके बने मास्टर रिटायर हुए तो, गरीब बच्चे में बाँट दिए रिटायरी में मिले 40 लाख रूपये!

स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद सुनीता चाहती थी कि पेंटिंग में आगे की पढ़ाई करे। लेकिन 2005 में उसे अपना ड्राइविंग लाइसेंस मिला और उसके बाद उसने ऑटोरिक्शा ड्राइविंग शुरू की। 2012 में उसने अपना पहला ऑटो रिक्शा खरीदा। वह पिछले नौ साल से ऑटो रिक्शा चला रही हैं।

Also read: घर की आर्थिक स्थिति थी खराब पिता करते थे चीनी मील में काम, बेटी ने खूब मेहनत की और पास की UPSC परीक्षा बनी आईएएस अधिकारी

सुनीता सहित 18 वॉलंटियर्स ड्राइवर को उनकी सुरक्षा से जुड़ी ट्रेनिंग दी जाती है। उन्हें पीपीई किट पहनने का तरीका भी सिखाया जाता है और कोरोना पेशेंट को हैंडल करने के उपाय भी बताए जाते हैं। पिछले दिनों सुनीता के इस प्रयास की तारीफ महापौर एम अनिल कुमार ने भी की थी। सुनीता को इस बात की खुशी है कि एक महिला होने के नाते अन्य पुरुष ड्राइवर के बीच रहते हुए भी उसे कभी कोई दिक्कत नहीं हुई। सभी ड्राइवर उसे सम्मान देते हैं।

Also read: प्रेरणा : एक ऐसा परिवार जहाँ एक साथ बनता है 38 लोगों का खाना एक साथ, एक घर में रहते है 4 पीढ़ी के लोग नहीं होती है झगड़ा

Exit mobile version