बिहार में अब ईटीएस मशीन से जमीन की मापी की जाएगी। इससे जमीन संबधित मामलों का जल्द ही निपटारा हो सकेगा। मशीन से मापी करने पर एक इंच और फूट की तो बात छोड़िए, एक सेमी. का भी फर्क नहीं आएगा। साथ ही जरीब और कड़ी खींचने की जरूरत और न ही फीता ढीला पकड़ने की शिकायत होगी।

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह के अनुसार, राज्य में अमीन अब जरीब की जगह ईटीएस से ही मापी का काम किया जाएगा. इसके लिए सभी कार्यालयों में ईटीएस उपलब्ध कराई जाएगा. पहले सर्वे शिविर में इसकी व्यवस्था होगी. आगे सभी 534 अंचलों में भी इसकी व्यवस्था की जाएगी.

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इस मशाीन की खास बात यह है कि इस माध्यम से एक साथ 50 प्लॉटों की मापी की जा सकेगी। मापी के लिए उपयोग की जाने वाली नई मशीन का नाम है इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन (ईटीएस)। सरकार जल्द ही इस मशीन की खरीदारी करेगी। और सभी अंचलों में भेजेगी। फिलहाल प्राथमिकता उन अंचलों को दी जाएगी जहां सर्वे का काम शुरू हो गया है।

मापी के लिए उपयोग की जाने वाली नई मशीन का नाम है इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन (ईटीएस). इस मापन प्रक्रिया के तहत अमीन मशीन को किनारे पर खड़ा कर देंगे और मापी करने वाले खेत के किनारे पर प्रिज्म रख देंगे. बटन दबाते ही मशीन से किरणें निकलेंगी और प्रिज्म से प्रिज्म की दूरी रिकॉर्ड कर लेगी. जीपीएस का भी उपयोग मापी के लिए होगा. खास बात यह है कि इस माध्यम से एक साथ 50 प्लॉटों की मापी की जा सकेगी.

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...