रेल यात्रा के समय अगर आपका सामान चोरी हो गया तो घबराएं नहीं। अगर आपका चोरी किया गया सामान बरामद नहीं हो पाता है तो रेलवे मुआवजा देगा। इसकी व्यवस्था रेल नियमों बनी हुई है। यात्री अपने खोए या चोरी गए सामान की शिकायत कर सकते है। और इसके लिए उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटा सकता है। अपने चोरी गए सामान का रेलवे से मुआवजा लेने के लिए जानें क्या नियम हैं। और इसके लिए क्या करना होगा। इसके साथ कुछ और भी जानकारियां हैं जैसे क्या वेटिंग टिकट पर ट्रेन का सफर कर सकते हैं। या बिना टिकट के यात्रा करने पर जुर्माना देना होगा या नहीं।
क्या है नियम ?
दरअसल भारतीय रेलवे में सफ़र के दौरान सामानों की चोरी होने की यात्रियों की समस्या को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिशा निर्देश जारी किए हैं. उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार अगर यात्रा के दौरान किसी यात्री का सामान चोरी होता है तो इसके लिए वह आरपीएफ (रेलवे पुलिस फोर्स) में अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है. इस दौरान उसे एक आवेदन या फॉर्म भरने को कहा जाएगा. इसमें साफ शब्दों में लिखा होता है कि अगर यात्री का सामान 6 महीने के भीतर नहीं मिलता है तो यात्री को हक होगा कि वह उपभोक्ता फोरम में जा सकता है. जिसके बाद यात्री को हुए नुकसान के हिसाब से रेलवे यात्री को मुआवजा प्रदान करेगा |
वेटिंग टिकट पर नहीं कर सकते यात्रा :
अगर आपके पास वेटिंग टिकट है तो ट्रेन के आरक्षित कोच में आप यात्रा नहीं कर सकते हैं. अगर आप यात्रा करते हुए पकड़े जाते हैं तो आपको कम से कम 250 रुपये का जुर्माना देना पड़ेगा और फिर अगले स्टेशन से जनरल कोच में यात्रा करनी पड़ेगी. लेकिन अगर चार में से दो यात्रियों का टिकट कन्फर्म है तो TTE से अनुमति लेकर बाकि दो लोग उनकी सीट पर जा सकते है |