क्या आप जानते हैं भारत में ‘ज़ीरो रुपये के नोट’ कब और किस उपयोग के लिए छापे गए थे? इसके जवाब में सबसे पहले तो आपको ये जानकारी दे दें कि RBI ने आज तक ‘ज़ीरो रुपये’ के नोटों की छपाई नहीं की है. अब सवाल उठता है कि अगर RBI ने नहीं छापे तो फिर ये काम किसने किया?

दरअसल, भारत में ‘ज़ीरो रुपये’ के नोट दक्षिण भारत की कुछ नॉन प्रॉफ़िट ऑर्गनाइज़ेशन (NGO) द्वारा छापे गए थे. इसके पीछे का असल मक़सद भ्रष्टाचार और काले धन का विरोध करना और लोगों को इसके प्रति जागरूक करना था.

दरअसल, तमिलनाडु स्थित 5th Pillar नामक संस्था ने सबसे पहले साल 2007 में इसकी पहल की थी. इस दौरान इस NGO ने ‘ज़ीरो रुपये’ के लाखों नोट प्रिंट किये थे.

ये नोट चार भाषाओं हिंदी, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम भाषा में नोट छापे गए थे. इन नोटों पर लिखा था ‘अगर कोई रिश्वत मांगे तो इस नोट को दे दें और मामले को हमें बताएं! ‘

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...