Site icon First Bharatiya

UPSC निकालकर बिहार की रिचा बनी IAS, सबसे कठिन विषय को भी अपनी मेहनत से बनाई आसान

aeb6d8f9 6e8b 42c5 9a6f 578c52bacb25 8 7

यूपीएससी की परीक्षा मुश्किल तो हर एक कैंडिडेट के लिए होती है परंतु कुछ कैंडिडेट्स के लिए वह अनोखी बन जाती है। आज की हमारी कहानी एक ऐसे यूपीएससी के कैंडिडेट की हैं जिन्होंने हिंदी माध्यम से यूपीएससी करने का निश्चय किया। हिंदी विषय से यूपीएससी की परीक्षा देना बहुत हीं कठिन माना जाता है | क्योंकि इसके लिए मैटेरियल्स आसानी से उपलब्ध नहीं होते। इन सबके बावजूद बिहार की एक लड़की ने अपनी कठिन मेहनत और लगन से सफलता प्राप्त की। और आपको बता देगी रिचा कि आर्थिक स्थिति भी उतनी अच्छी नहीं थी |

Also read: घर की आर्थिक स्थिति थी खराब पिता करते थे चीनी मील में काम, बेटी ने खूब मेहनत की और पास की UPSC परीक्षा बनी आईएएस अधिकारी

रिचा रत्नम बिहार (Bihar) के सिवान जिले की रहने वाली हैं। रिचा ने दसवीं तक की पढ़ाई हिंदी मीडियम से की तो वहीं 11वीं और 12वीं की पढ़ाई इंग्लिश मीडियम से की। उसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग किया तथा बीटेक की डिग्री लेने के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू की। हिन्दी और अंग्रेजी मीडियम दोनों में पढ़ाई करने से रिचा को हिंदी तथा इंग्लिश दोनों विषय की पूरा जानकारी थी। और रिचा यूपीएससी की पढ़ाई करने से पहले वह अपने घर सिवान छोड़कर अपने भाई के यहां नोएडा चली गई क्योंकि उसको घर पर अच्छी तरह से पढ़ाई नहीं हो पाती थी और नोएडा में जाकर वह सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दें और आईएस बन गई |

Also read: प्रेरणा : एक ऐसा परिवार जहाँ एक साथ बनता है 38 लोगों का खाना एक साथ, एक घर में रहते है 4 पीढ़ी के लोग नहीं होती है झगड़ा

रिचा ने कुल पांच प्रयास किए जिसमें से वह तीन प्रयासों में प्री परीक्षा को भी पास ना कर सकीं परंतु चौथी बार में रिचा प्री परीक्षा को पास करने में सफल रहीं और पहली बार मेन्स तक पहुंची परंतु इस बार भी उन्हें सफलता नहीं मिल सकी। रिचा अपने पांचवें प्रयास में सभी चरणों को पास कर यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की। कहा जाता है कि असफलता के बाद ही सफलता मिलती है |

Also read: रिक्शा चलाकर-दूध बेचकर खूब संघर्ष करके बने मास्टर रिटायर हुए तो, गरीब बच्चे में बाँट दिए रिटायरी में मिले 40 लाख रूपये!

Exit mobile version