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बिहार में एक बार फिर नितीश सरकार ने गैसला लिए है की अब बिहार के सरकारी स्कूल में प्रधान शिक्षक और प्रधान अद्यापक की भली होगी | बता दे की बिहार के राजकीयकृत प्राथमिक विद्यालयों और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में लगभग 45, हजार से ऊपर प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक नियुक्त किए जाएंगे। और खबर मिली है की इन पदों पर बहाली बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से होगी।

ये सभी वेतनमान के पद होंगे। पिछले मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह प्रस्ताव मंजूर किया गया। बैठक में लगभग कुल 17 प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। वहीँ बिहार के वर्तमान शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक के पदों के सृजन की मंजूरी मिल गई है। इस फैसले से स्कूलों की व्यवस्था पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा, साथ ही शिक्षा की स्तर को और बढ़ाया जाएगा |

बिहार सरकार का एक बैठक हुआ था | उस मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि पूर्व में पंचायतों और नगर में प्रारंभिक शिक्षकों की मूल कोटि के 40518 पद हुआ करते थे। इन पदों को सरकार ने सरेंडर करते हुए इनके स्थान पर बिहार सरकार के नियंत्रण में प्रधान शिक्षक के 40518 पदों का सृजन किया है।

वहीँ नए पद पर नियुक्त प्रधान शिक्षक राजकीयकूत माध्यमिक स्कूलों में प्रधान शिक्षक के रूप में नियुक्त होंगे। पूर्व में ये पे-स्कूल के पद थे अब नए वेतनमान के पद होंगे। इन पदों पर बहाली बिहार लोक सेवा आयोग के जरिए होगी। इन शिक्षकों को सरकार के दूसरे कर्मचारी-पदाधिकारी के तरह अधिकार दिए जाएंगे। 

वहीँ हाई स्कूल में नियुक्त होंगे 5334 प्रधानाध्यापक :

बिहार शिक्षा विभाग के ही एक प्रस्ताव पर कैबिनेट ने माध्यमिक स्कूल विहीन पंचायतों में स्थापित हाई स्कूलों के लिए प्रधानाध्यापकों के 5334 पद सृजन की स्वीकृति दी है। पंचायतों में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए यहां हाई स्कूल स्थापित किए गए हैं। जहां प्रधानाध्यापक पद की आवश्यकता महसूस हो रही थी। प्रधानाध्यापक पद पर नियुक्ति भी बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से होगी। इन्हें भी वेतनमान में नियुक्त किया जाएगा। 

सोनू मूल रूप से बिहार के समस्तीपुर जिला के रहने वाले है पिछले 4 साल से डिजिटल पत्रकारिता...