Site icon First Bharatiya

माता-पिता के मरने के बाद, चाचा और समाज के लोगों ने चंदा इकठ्ठा कर पढाया, NEET की परीक्षा में हुए सफल

aeb6d8f9 6e8b 42c5 9a6f 578c52bacb25 28 2

सच्चे मन से ठानी हुई चीज कभी इंसान को असफल नहीं करती। सफलता मिलने में थोड़ी मुश्किलें ज़रूर आ सकती हैं, लेकिन यह असंभव नहीं है। आज का यह आर्टिकल परिश्रमी और लक्ष्य के लिए मन को केंद्रित करने वाले गुदड़ी के लाल की है | जिनके माता-पिता की मृत्यु होने के बाद वह बिल्कुल अकेले पड़ गए थे। इनकी ऐसी स्थिति होने के बाद इनके चाचा और समाज के दूसरे व्यक्तियों ने उनकी काफ़ी मदद की। उनकी ख़्वाहिश है डॉक्टर बनने की और इसी को लेकर यह काफ़ी मेहनत कर रहे हैं।

चेतन चावला (Chetan Chawala) जो की बूंदी (Bundi) जिले के रहने वाले हैं। इस साल नीट (NEET) की परीक्षा में काफ़ी कठिन परिश्रम के बाद इतनी तकलीफ में होने के बावजूद भी इन्होंने अपने मेहनत के द्वारा सफलता हासिल की है | और अब सरकारी मेडिकल कॉलेज (Goverment Medical Collage) में एडमिशन लेकर एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई करने जा रहे हैं। इन्होंने अपने नीट की परीक्षा में 720 में से 610 अंक हासिल की है और अपने ST कैटेगरी में इनका रैंक 276वां है।

अपनी सफलता के बाद चेतन खुश तो है लेकिन अपने माता-पिता को बहुत मिस कर रहे हैं। आपको बता दे कि इनकी माता ममतेश बाई (Mamtesh Bai) की मृत्यु किसी बीमारी की वज़ह से हो गई थी और 4 साल पहले इनके पिता कन्हैया राम (Kanhaiya Ram) की भी मृत्यु एक दुर्घटना के दौरान हो गई। लेकिन इनके चाचा गजेंद्र ने इन्हें कभी अकेला महसूस नहीं होने दिया और इन्हें अपने लक्ष्य को हासिल कराने में बहुत मेहनत और मदद की।

चेतन दो भाई और एक बहन है। इनका बड़ा भाई ऑटो चलाता है और उनकी छोटी बहन इनके दादा दादी के साथ ही रहती है। जब चेतन ने अपने चाचा को अपने डॉक्टर बनने की ख़्वाहिश बताइ तब इनके चाचा ने बिना किसी चीज की परवाह किए बिना मेडिकल की तैयारी के लिए इन्हें कोटा भेज दिया।

जब चेतन मेडिकल की तैयारी करने के लिए कोटा पहुँचे तब वहाँ के एलेन (ALLEN) कोचिंग संस्थान की प्रबंधन टीम ने इनकी आर्थिक स्थिति और इनके बारे में सारी बातें सुनकर इनकी आधी फीस माफ़ कर दी। इनके चाचा ने इनकी आर्थिक मदद तो की ही लेकिन साथ ही साथ आसपास के कुछ व्यक्तियों ने भी पैसे इकट्ठे कर इनकी मदद की। इन्हें कभी किसी चीज की कठिनाई नहीं हुई।

घर पर चाचा और आस-पड़ोस के लोग और कोटा में वहाँ के सारे टीचर्स और वहाँ के विद्यार्थियों ने इनकी ख़ूब मदद की। इस तरह इनकी सफलता रंग लाई और यह NEET जैसी कठिन परीक्षा में सफल हो सके। चेतन अपनी सफलता का श्रेय उन सभी लोगों को देते हैं जिन्होंने हर क़दम पर इनकी मदद की है चाहे वह इनके चाचा हो, कोटा के शिक्षक हो, विद्यार्थी हो या इनके आस-पड़ोस के लोग हो।

Exit mobile version