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शवों के अंतिम संस्कार के लिए इंतजार, सड़क किनारे फुटपाथ पर पड़ीं लाशें

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अभी तक देश में कोरोना जांच की रिपोर्ट का इंतजार करना पड़ रहा था। लेकिन अब कई शहरों में शवों के अंतिम संस्कार के लिए 15-15 घंटों की वेटिंग चल रही है। एक तरफ अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए बेड नाकाफी हैं, तो दूसरी तरफ श्मशानों में जगह कम पड़ने लगी है। कोरोना प्रोटोकॉल से हो रहे अंतिम संस्कार सरकारी आंकड़ों की हकीकत खुद-ब-खुद बयां कर रहे हैं।

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गुरुवार को 7 राज्यों के सिर्फ 9 बड़े शहरों में ही कोरोना प्रोटोकॉल से 824 शवों का अंतिम संस्कार हुआ, जबकि इन शहरों में सरकारी आंकड़ों में सिर्फ 208 मौतें ही दर्ज हुईं। सरकार की मानंे तो गुरुवार को देश में 1182 मौतें हुईं। जबकि सिर्फ 9 शहरों का यह आंकड़ा सरकारी दावों की पोल खोल रहा है।

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देश में एक दिन में सबसे ज्यादा मुंबई में 201 शवों का अंतिम संस्कार हुआ। भोपाल में 112, लखनऊ में 105 और सूरत में 115 शवों का दाह संस्कार हुआ। लेकिन सरकारी आंकड़ों में क्रमश: 4, 26 और 26 मौतें ही दिखाई गईं। अब सवाल यह है कि यदि सरकारी आंकड़े सही हैं तो श्मशानों में जल रहे शव किसके हैं?

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गाजियाबाद में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू नाइट कर्फ्यू के समय में बदलाव किया गया है। अब नाइट कर्फ्यू रात आठ बजे से सुबह सात बजे तक लागू रहेगा। उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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पिछले सप्ताह रात दस बजे से सुबह छह बजे तक नाइट कर्फ्यू घोषित किया गया था, यह व्यवस्था लगातार जारी थी। पुलिस बाजारों में सक्रिय होकर दुकानदारों को दुकानें बंद करने के निर्देश दे रही थी। वहीं, व्यापार संघ के पदाधिकारी भी लगातार दुकानदारों से दस बजे से पहले अपने सभी प्रतिष्ठान बंद करने के आह्वान कर रहे थे।

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